बजट से पहले के पूर्वानुमानों और वैश्विक स्तर पर छाए व्यापार तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से जुलाई के पहले हफ्ते में 475 करोड़ रुपये की निकासी की है।
वित्त मंत्री ने सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाने, अमीरों पर कर अधिभार बढ़ाने व पेट्रोल, डीजल पर शुल्क बढ़ाने का बचाव करते हुए कहा कि देश के आर्थिक विकास और आम आदमी के लिये बुनियादी सुविधायें खड़ी करने करने के लिये संसाधन जुटाना जरूरी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल लगातार मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखा और आगे भी सरकार इस पर अंकुश बनाये रखेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर (5 लाख करोड़ रुपए) की अर्थव्यवस्था बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा- पेशेवर निराशावादियों से सतर्क रहें।
पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि 2019-20 का बजट उच्च आर्थिक वृद्धि दर के रास्ते पर देश के लौटने को लेकर रूपरेखा पेश करता है।
यूएई के एनआरआई व्यवसायियों, पेशेवरों ने सर्वसम्मति से भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहले बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह सभी संदर्भों में बिल्कुल उपयुक्त है।
देश के शीर्ष उद्योगपतियों की बजट 2019-20 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बजट में पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगने के बाद लोगों को महंगाई का पहला झटका लगा है। देश में आज (शनिवार) से पेट्रोल 2.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.30 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
अमेरिकी कॉरपोरेट जगत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पहली बार पेश किए गए बजट की शुक्रवार को प्रशंसा करते हुए इसे समावेशी और विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बताया।
वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में आम आयकरदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन अमीरों को अब अपनी आय पर अधिक आयकर चुकाना होगा।
कर दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने ठेकेदारों या पेशेवरों को 50 लाख रुपये सालाना से अधिक का भुगतान करने पर पांच प्रतिशत की दर से ‘स्रोत पर कर कटौती’ (टीडीएस) अनिवार्य कर दिया है।
सरकारी खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 68 पैसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आयेगा जबकि खर्च के तौर पर करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्से में सबसे ज्यादा 23 पैसे जायेंगे। बजट दस्तावेजों में यह बताया गया है।
स्थानीय बिक्री कर या वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), जो बेस प्राइज पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाए जाने के बाद लगाया जाता है, के बाद पेट्रोल की कीमत में 2.5 रुपए लीटर और डीजल की कीमत में 2.3 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि होगी।
आयात शुल्क में बढ़ोतरी से सोने की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे सोने का उपभोग भी प्रभावित होगा।
ग्रामीण विकास मंत्रालय को इस बार बजट में 1,40,762 करोड़ रुपए की रकम प्रदान की जाएगी, जबकि 2018-19 में इस मंत्रालय को 1,35,109 करोड़ रुपए मिले थे।
मोदी सरकार ने रक्षा पेंशन के लिए 1,12,079.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कुल रक्षा आवंटन लगभग 431,010.79 करोड़ रुपये है जो आने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47% है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए समिति के गठन का प्रस्ताव किया है।
आइए डालते हैं एक नजर सस्ती और महंगी होने वाली चीजों की पूरी लिस्ट पर:
बजट 2019 में तंबाकू-सिगरेट पर उत्पाद कर बढ़ा दिया गया है, जिससे अब इनके शुल्क भी बढ़ जाएंगे। क्योंकि, आम तौर पर कंपनियां ऐसा होने पर उत्पाद की कीमत में इजाफा करती हैं।
मध्यम वर्ग को राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में 45 लाख का घर खरीदने पर डेढ लाख की अतिरिक्त छूट देने की घोषणा की है। हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रुपए की छूट मिलेगी।
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