1 फरवरी 2018 को पेश होने वाले आम बजट से पहले स्टेनलेस स्टील इंडस्ट्री ने सरकार से फेरो-निकल और स्टेनलेस स्टील स्क्रैप पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग की है।
इस बार सरकार जनता को बजट से पहले ही खुश करने की कोशिश में है। 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक 18 जनवरी को बुलाई गई है।
केंद्र सरकार का खाद्य सब्सिडी बिल 2018-19 के बजट में 10 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच सकता है।
पिछले साल यानि 2017 का बजट कई मायनों में बेहद अलग था। पिछली बार न न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया, वहीं 2017 से रेल बजट की रवायत भी खत्म कर दी गई।
आयात शुल्क से सरकार को जो कमाई होगी उसके कुछ हिस्से का इस्तेमाल तिलहन विकास फंड के तौर पर इस्तेमाल करने की मांग
RERA, वस्तु एवं सेवा कर (GST) और नोटबंदी जैसे विभिन्न सुधारों से बुरी तरह प्रभावित रियल्टी सेक्टर को बजट में कर की कम दरें तथा आधारभूत संरचना क्षेत्र का दर्जा जैसी राहतों की उम्मीद है।
कपड़ा मंत्रालय को धीमे पड़ते निर्यात में तेजी लाने और रोजगार सृजन बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय से बुनकर उद्योग के लिए 170 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है
संगठन ने कहा है कि भारित कर कटौती प्रणाली को पिछले स्तर पर ही लाया जाना चाहिए।
बजट के इतिहास पर नजर डालें तो ऐसे काफी सारे तथ्य हमारे सामने आएंगे जो देश के बदलते आर्थिक हालात बतलाते हैं।
क्या आपको पता है कि एक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भी भारत का आम बजट पेश कर चुका है?
इस साल 1 फरवरी को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना बजट भाषण पढ़ रहे होंगे तो उस वक्त मध्यम वर्ग की निगाहें और उम्मीदें उन पर टिकी होंगी।
मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमटीएएल) ने चिकित्सा उपकरण शोध एवं विकास (आरएंडडी) केंद्रों को
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि बजट सत्र की शुरुआत 29 जनवरी को होगी और यह 6 अप्रैल तक चलेगा।
उद्योग संगठन फिक्की ने बजट में कॉरपोरेट टैक्स को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत करने की मांग की है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार पांचवीं बार आम बजट संसद में पेश करेंगे और अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि यह बजट बुनियादी ढांचे और ग्रामीण क्षेत्र पर केंद्रित होगा।
बजट में Finance bill, Fiscal deficit, Balance of payments और Current account deficit ऐसे कुछ शब्द हैं, जिनका मतलब हर किसी को समझ नहीं आता।
पिछले महीने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ हुई बजट पूर्व चर्चा में अर्थशास्त्रियों ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 200 रुपए मासिक से बढ़ाकर 500 रुपए प्रति माह करने सहित कई सुझाव दिए।
सरकार आगामी आम बजट में कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों को दी जाने वाली राशि में अच्छीखासी वृद्धि कर सकती है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 2019 के आम चुनाव से पहले सरकार अपना राजनीतिक समर्थन मजबूत करना चाहती है।
रातिन रॉय ने उम्मीद जतायी है कि आने वाला 2018-19 का बजट ‘लोकलुभावन’ नहीं होगा। यह सरकार के व्यय गुणवत्ता सुधार की प्रतिबद्धता को दिखाने वाला होगा।
आम बजट से पहले वित्त सचिव हसमुख अधिया ने अमेरिका में प्रस्तावित बड़े कर सुधारों के भारत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विचार मांगे हैं।
लेटेस्ट न्यूज़