जेटली ने इस बार के बजट में सड़कें सुधारने पर खासा जोर दिया। जेटली ने कहा कि अटकी हुई 70 सड़क परियोजनाओं में से 85 प्रतिशत को वापस लीक पर लाया गया है।
वित्त मंत्री ने सभी टैक्सेबल सर्विसेस पर 0.5 फीसदी कृषि कल्याण सेस लगाया गया है, जिससे सर्विस टैक्स बढ़ने से सभी कुछ महंगा हो जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीमा, पेंशन तथा संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों समेत कई क्षेत्रों के लिए एफडीआई नीति को उदार बनाने का आज प्रस्ताव किया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज पेश किए गए अपने बजट में गरीब परिवार की महिलाओं को LPG कनेक्शन की सौगात दी है।
कभी मनरेगा के प्रभाव पर सवाल उठाने वाली एनडीए सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 में इस योजना के लिए अपनी तिजोरी खोल दी है।
सरकार ने आधार को सांविधिक दर्जा दिलाने का निर्णय लिया है, ताकि सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा सीधा जरूरतमंदों के खाते में पहुंचेगी।
आम बजट 2016-17 में किसानों पर खास ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2022 तक किसानों की कमाई दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2016-17 में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। दूसरे माध्यमों से छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश की है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली 2016-17 का आम बजट एक ऐसे समय में पेश कर रहे हैं, जब दुनिया की तमाम विकसित अर्थव्यवस्थाएं मंदी का सामना कर रही हैं।
आम बजट पेश होने से पहले सोमवार को देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स के शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है।
बजट पेश करने जा रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वो देश के लिए आर्थिक विकास चुनें या राजकोषीय सख्ती।
वेतनभोगी आम आदमी का सरोकार बजट से तब होता है जब वह नए टैक्स, आयकर छूट की सीमा, टैक्स बचत के लिए नए निवेश विकल्पों को ढ़ूंढता है। वित्त मंत्री से उम्मीदें।
अरुण जेटली आज मध्यम वर्गीय परिवारों को इनकम टैक्स छूट सीमा बढ़ाकर राहत प्रदान कर सकते हैं। उद्योग जगत का मानना है कि इनकम टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपए बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर सकते हैं।
बढ़े खर्च को पूरा करने के लिए राजस्व बढ़ाने हेतु वित्त मंत्री अरुण जेटली को इनडायरेक्ट टैक्स बढ़ाने होंगे या कोई नए टैक्स पेश करने होंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली आज अपना तीसरा चुनौतीपूर्ण बजट पेश करेंगे। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री के समक्ष कृषि क्षेत्र और उद्योग जगत की जरूरतों के बीच संतुलन बैठाने की कड़ी चुनौती होगी।
Finance bill, Fiscal deficit, Balance of payments और Current account deficit ऐसे कुछ शब्द हैं, जिनका मतलब हर किसी को समझ नहीं आता।
बजट सिर्फ घोषणाओं का एक दस्तावेज भर नहीं होता, बल्कि इसमें काफी कुछ शामिल होता है, जो सरकार की पूर्व योजनाओं के विश्लेषण के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं का भी रोडमैप तैयार करता है।
बजट के इतिहास पर नजर डालें तो ऐसे काफी सारे तथ्य हमारे सामने आएंगे जो देश के बदलते आर्थिक हालात बतलाते हैं। जानिए बजट से जुड़ी अन्य रोचक बातें
29 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री एनडीए सरकार का दूसरा पूर्ण बजट पेश करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं बजट में जिन सरकारी योजनाओं, घोषणाओं और तमाम आय-व्यय का लेखा-जोखा शामिल होता है उसे कौन तैयार करता है।
बजट से बजट तक अगर शेयर बाजार की चाल को देखें तो बीते एक साल में सेंसेक्स 23 फीसदी टूटा है। 28 फरवरी 2015 को सेंसेक्स 29,361 के स्तर पर था।
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