देश का आम बजट पेश होने में अभी दो सप्ताह से कम का समय बचा है। लेकिन इससे पहले सरकार ने महंगाई से जूझ रहे आम लोगों को बड़ी राहत दे दी है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को अपनी 25वीं बैठक में 29 वस्तुओं पर जीएसटी रेट घटाकर शून्य प्रतिशत करने का निर्णय किया है।
सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है।
अभी तक 2.50 लाख रुपए की सालाना कमाई पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है और 10 लाख रुपए से ऊपर की ग्रेच्युटी पर भी इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है
खुदरा क्षेत्र के उद्यमियों ने फाइनेंस तक आसान पहुंच और क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिये आगामी बजट में उन्हें उद्योग का दर्जा दिए जाने और वस्तु एवं सेवा कर (GST) को सरल बनाने की मांग की है।
सरकार ने GST की दरों में बदलाव करने के साथ रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को ITC से बाहर रखने का जो फैसला किया है वह इंडस्ट्री के हक में नहीं है
आगामी आम बजट में रेलवे को उन चार गलियारों की अनुमति मिलने की उम्मीद है जो भारतीय रेल की महत्वाकांक्षी रेलवे स्वर्णिम चर्तुभुज परियोजना को पूरा करेंगे।
आम बजट की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, हर कोई- विशेषकर नौकरीपेशा लोग- वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है।
1 फरवरी 2018 को पेश होने वाले आम बजट से पहले स्टेनलेस स्टील इंडस्ट्री ने सरकार से फेरो-निकल और स्टेनलेस स्टील स्क्रैप पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग की है।
इस बार सरकार जनता को बजट से पहले ही खुश करने की कोशिश में है। 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक 18 जनवरी को बुलाई गई है।
केंद्र सरकार का खाद्य सब्सिडी बिल 2018-19 के बजट में 10 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच सकता है।
पिछले साल यानि 2017 का बजट कई मायनों में बेहद अलग था। पिछली बार न न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया, वहीं 2017 से रेल बजट की रवायत भी खत्म कर दी गई।
आयात शुल्क से सरकार को जो कमाई होगी उसके कुछ हिस्से का इस्तेमाल तिलहन विकास फंड के तौर पर इस्तेमाल करने की मांग
RERA, वस्तु एवं सेवा कर (GST) और नोटबंदी जैसे विभिन्न सुधारों से बुरी तरह प्रभावित रियल्टी सेक्टर को बजट में कर की कम दरें तथा आधारभूत संरचना क्षेत्र का दर्जा जैसी राहतों की उम्मीद है।
संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को फिलहाल पांच साल या अधिक की सेवा के बाद नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्ति के बाद 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर कोई कर नहीं देना होता है।
कपड़ा मंत्रालय को धीमे पड़ते निर्यात में तेजी लाने और रोजगार सृजन बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय से बुनकर उद्योग के लिए 170 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है
भारतीयउद्योग परिसंघ (CII) ने सरकार से आगामी बजट में लाभांश वितरण कर (DDT) की दर को तर्कसंगत बनाते हुये 10 प्रतिशत करने की मांग की
संगठन ने कहा है कि भारित कर कटौती प्रणाली को पिछले स्तर पर ही लाया जाना चाहिए।
बजट के इतिहास पर नजर डालें तो ऐसे काफी सारे तथ्य हमारे सामने आएंगे जो देश के बदलते आर्थिक हालात बतलाते हैं।
क्या आपको पता है कि एक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भी भारत का आम बजट पेश कर चुका है?
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