आजाद भारत का पहला बजट तात्कालीन वित्त मंत्री आर के षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, लेकिन सबसे अधिक बार पेश करने का मौका इंदिरा गांधी के करीबी रहे एक वित्त मंत्री को मिला था।
लियाकत अली ख़ान मोहम्मद अली जिन्ना के क़रीबी माने जाते थे। लियाकत अली खान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमत्री बने। बजट से जुड़ी रोचक कहानी यहां पढ़ें।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2022 में 5.88 प्रतिशत और दिसंबर, 2021 में 5.66 प्रतिशत थी।
आवास ऋण के ब्याज पर 2 लाख रुपये की कर छूट को कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी महामारी के प्रभाव से उबर रहा है।
आगामी बजट से ग्रामीण/कृषि खर्च में 10 अरब डॉलर की वृद्धि होने की संभावना है- जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक होगा। यह चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में 20 प्रतिशत की वृद्धि को दोहरे अंकों में बनाए रखेगा।
नरेंद्र मोदी सरकार एक फरवरी को बजट पेश करेगी। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
सेविंग कितना जरूरी है यह हमें तब समझ आता है जब कोई मुश्किल आर्थिक परिस्थिति सामने आ जाती है। इसीलिए पहले से ही सेविंग के लिए बजट पर कंट्रोल करना चाहिए। आइए आज की स्टोरी में इसके 5 तरीकों के बारे में जानते हैं।
आर्थिक शोध संस्थान, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘आयकर की दरें और कर स्लैब संशोधन एक पेचीदा मामला है।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (स्वनिधि) योजना को सूक्ष्म-ऋण सुविधा के रूप में जून 2020 में शुरू किया गया था। इस योजना का मकसद कोविड-19 महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए रेहड़ी पटरी वालों को सशक्त बनाना है।
नए नियमों के तहत कुछ खास स्थितियों में कर्मचारी को एचआरए नहीं दिया जाएगा। आजए जानते हैं वे कौन सी शर्तें हैं जिनके दायरे के बाहर ही आप हाउस रेंट अलाउंस पाने के हकदार होंगे:
26 नवंबर 1947 को पेश किए गए आजाद भारत के पहले बजट से लेकर अब तक ऐसे तमाम मौके आए हैं, जब बजट के प्रावधानों ने देश को एक नई दिशा देने की कोशिश की। जानिए बजट से जुड़े ऐसी ही कुछ रोचक तथ्य।
आजादी के बाद से बजट पेश करने से पहले कई तरह की परंपराएं होती है। ये हर पार्टी के सरकार में होता आया है, लेकिन मोदी सरकार जब से कार्यकाल में आई है इसमें कई बदलाव किए हैं। आइए उसके बारे में जानते हैं।
1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट को लेकर केंद्र सरकार तैयारियों में जुट गई है। आइए जानते हैं कि इसके लिए सरकार को किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है।
सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में एक नई धारा 194P जोड़ी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ ने बताया है कि इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, इसके लिए नियम 31, नियम 31A, फॉर्म 16 और 24Q में भी जरूरी संशोधन किए गए हैं।
सरकार के लिए बजट में अब प्रमुख चुनौती बढ़ती महंगाई के बीच अर्थव्यवस्था में मांग को बरकरार रखने की है। इसके लिए गांवों में उपभोक्ताओं के हाथों में काम की उपलब्धता बढ़ानी होगी।
रत्न एवं आभूषण उद्योग इसके बाद से सरकार से इसे हटाने की मांग कर रहा था। वित्त मंत्री 1 फरवरी को 2023 का आम बजट पेश करेंगी।
बढ़ता कर्ज Budget की राह में एक बड़ा रोड़ा बन सकती है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने प्रतिभूतियों के जरिये 4,06,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं। जबकि उधारी कार्यक्रम के तहत अधिसूचित राशि 4,22,000 करोड़ रुपये थी।
संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा हैसंसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ सवालों के जवाब में सरकार की गलती पर सहमति जताई है।
जीएसटी की मीटिंग शुरू हो गई है। आज की मीटिंग में गुटखा खाने वालो पर गाज गिरने की उम्मीद है। इस खबर में जानिए मीटिंग से जुड़ी जरूरी बातें।
अगले साल फरवरी में पेश होने वाले बजट-23 को लेकर अभी से ही बैठक शुरू हो गई है। अलग-अलग डिपार्टमेंट के तरफ से बजट में होने वाले बदलाव को लेकर सुझाव दिए जा रहे हैं। इसी बीच एक मांग 80C के तहत मिलने वाली छूट लिमिट को लेकर भी की गई है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।
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