आम बजट-2023 को सरकार द्वारा संसद में पेश किया जा चुका है, वहीं इस बजट में सरकार ने सभी सेक्टर का ध्यान रखते हुये अहम घोषणाएं की हैं। वहीं इस आम बजट- 2023 में ऑटो सेक्टर यानि वाहन उद्योग सेक्टर का भी बखूबी ध्यान रखा गया है।
Income and Expenditure: बजट के पेपर में सरकार की ओर से एक रुपये में केंद्र की कमाई का लेखा-जोखा बताया गया। सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 58 पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आएगा।
केंद्रीय बजट 2023 पेश होने के बाद से ही अलग-अलग क्षेत्र के लोग अपने अनुसार इसमें फायदा और नुकसान देख रहे हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्राइवेट नौकरी करने वालों को लीव इनकैशमेंट टैक्स पर इस बार छूट देने की बात कही गई है। इसके अनुसार 25 लाख रुपये तक टैक्स नहीं देना होगा।
उन्होंने कहा, कैसे देश में सॉफ्टवेयर उद्योग ने काम शुरू किया? क्या उन्होंने सरकर का इंतजार किया? नहीं। वे आगे बढ़ते रहे और सरकार ने देखा कि वह बैठी और देखती नहीं रह सकती और उनके लिये अनुकूल नीतियां लेकर आई।
पर्सनल या कार लोन लेने से पहले NOC सर्टिफिकेट देना जरूरी है। इसके बगैर लोन अप्रूवल लेते समय परेशानी होती है। इसे नहीं होने से कई बार लोग सारे कागजात और एलिजिबल होने के बावजूद भी लोन अप्रूवल नहीं ले पाते हैं। एनओसी से जुड़ी सभी जानकारी लेने के बाद आपको इस तरह की समस्याएं नहीं होंगी।
Budget 2023: एक फरवरी को अनाउंस हुए बजट में कई चीजों पर बात की गई। उसमें स्क्रैपिंग पॉलिसी भी एक खास मुद्दा था। इसपर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वाहन स्क्रैपिंग नीति को आगे बढ़ाने में, केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की है।
Budget 2023 President House: इस बार के बजट से हर कोई खुश है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सरकार द्वारा कुछ जगहों पर खर्च होने वाली बजट राशि में कमी की गई है, जिसमें राष्ट्रपति भवन भी शामिल है।
Money Deducted in Budget 2023: कल जब देश की संसद में बजट पेश किया गया तब कुछ सेक्टर की राशि में भी कटौती की गई। उसमें विमान इंडस्ट्री भी शामिल है। बता दें, कल मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया था।
आम बजट- 2023 की सभी तैयारियां लगभग- लगभग पूरी हो चुकी हैं, वहीं इसे 1 फरवरी, 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाना है। दूसरी ओर मोदी सरकार लोकसभा चुनाव- 2024 पहले अपना अंतिम पूर्ण बजट पेश करने जा रही है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से आम लोग राहत की उम्मीद जताए थे, लेकिन उल्टे सोने की कीमतों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। सोने की कीमतों में अचानक बहुत तेजी दर्ज की गई है।
वित्त मंत्री द्वारा कुछ घोषणाएं, जैसे कि आयकर छूट की सीमा 7 लाख रुपये, राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने से विकास की रफ्तार तेज होगी जिसका फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा।
Budget 2023: आज वित्त मंत्री ने बजट पास कर दिया। इस बजट में मध्यम वर्ग का खासा ध्यान रखा गया है। वहीं, इंडस्ट्री पर भी काफी निवेश होने की बात कही गई है। इसे लेकर कुछ कंपनियों के दिग्गजों ने अपनी राय रखी है।
बजट में मिली जानकारी के मुताबिक, न्यू टैक्स रिजीम को बाई डिफॉल्ट कर दिया गया है। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन ने इंडिया टीवी को बताया कि अब तक न्यू टैक्स रिजीम को बाई डिफॉल्ट कर दिया गया है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘पर्यटन क्षेत्र में अभी बहुत संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के लिए व्यापक अवसर भी हैं।’’
Budget 2023: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट संसद में पेश कर चुकी हैं। पूरे बजट को 10 प्वाइंट में यहां जानिए।
वित्तमंत्री ने बजट के दौरान अपनी घोषणा में कहा कि आदिवासी स्कूलों में 38 हजार से ज्यादा भर्तियां की जाएंगी। साथ ही आदिवासी विद्यार्थियों के लिए 740 एकलव्य स्कूल भी खोले जाएंगे। इससे आदिवासी क्षेत्र में एजुकेशन पर और ज्यादा फोकस हो सकेगा और शिक्षा का दायरा भी बढ़ेगा।
Union Budget 2023: पिछले वित्त वर्ष के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) हेतु 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। सरकार ने यह योजना 2015 में शुरू की थी।
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने युवाओं को ध्यान में रखते हुए कहा कि मोदी सरकार का मानना है कि किसी भी देश को विकसित बनाने में युवाओं का सबसे बड़ा हाथ होता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट भाषण पढ़ने के दौरान कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है और यह बजट देश के अंतिम व्यक्ति को फायदा पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को माना है।
केंद्र सरकार ने बच्चों में खून की कमी से होने वाली परेशानियों और मौतों के प्रति गंभीरता बरतते हुए यह घोषणा की है कि वर्ष 2047 तक यानी भारत की आजादी के 100वें वर्ष तक देश के बच्चों में खून की कमी की समस्या से निजात दिलाई जाएगी।
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