सेक्स शामिल में कंपनियों में सबसे अधिक गिरावट टाटा मोटर्स के शेयर में देखी गई।
सेंसेक्स सुबह 36,744.02 पर तेजी से साथ खुलने के बाद 36,830.25 और 36,590.88 अंक के दायरे में घट बढ़ के बाद अंत में 89.32 अंक या 0.24 प्रतिशत के लाभ के साथ 36,725.42 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से 17 के शेयर में बढ़त और 13 में गिरावट देखी गई। पिछले तीन सत्र के कारोबार में यह 768 अंक से ज्यादा चढ़ चुका है।
बीएसई का सेंसेक्स सुबह बढ़त के साथ 36,141.07 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान 35,926.94 अंक से 36,457.44 अंक के दायरे में रहा।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक शुरुआती कारोबार में तेजी के साथ खुला और प्रतिभागियों की भारी लिवाली से 36,140.67 अंक के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
कारोबारियों के अनुसार एशिया के अन्य बाजारों के साथ यूरोपीय शेयर बाजारों में कमजोर शुरूआत से भी बाजार धारणा पर असर पड़ा।
एनएसई का निफ्टी भी 28.65 अंक यानी 0.26 प्रतिशत गिरकर 10,806.65 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय करीब 500 अंक टूट गया था। हालांकि बाद में सेंसेक्स ने कुछ नुकसान की भरपाई की और अंतत: 239.67 अंक यानी 0.66 प्रतिशत गिरकर 35,973.71 अंक पर बंद हुआ।
तीस शेयरों वाला सूचकांक 341.90 अंक या 0.95 प्रतिशत की बढ़त के साथ 36,213.38 अंक पर बंद हुआ।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 26.87 अंक या 0.07 प्रतिशत के नुकसान के साथ 35,871.48 अंक पर आ गया।
हफ्ते के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार में निराशाजनक शुरुआत देखने को मिली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का ब्योरा जारी होने के बाद शुक्रवार को निवेशकों ने सतर्कता भरा रुख अपनाया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स की शुरुआत उतार-चढ़ाव के साथ हुई। अंत में यह 142.09 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 35,898.35 अंक पर बंद हुआ।
सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि बाजार आशंकाओं से लगातार लड़ रहा है और पिछड़ने के लिए तैयार नहीं है।
शेयर कारोबारियों ने कहा कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की मजबूत लिवाली से निवेशकों की धारणा को बल मिला।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि वह इस सप्ताह निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे और उनसे नीतिगत दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कहेंगे।
ब्रोकरों ने कहा विदेशी कोषों की निकासी तथा डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
कारोबारियों ने कहा कि घरेलू संस्थागत निवेशकों तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली से बाजार धारणा पर असर पड़ा।
कारोबारियों के अनुसार कुछ कंपनियों के वित्तीय परिणाम नरम रहने तथा विदेशी कोष की निकासी से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।
बंबई शेयर बाजार में सोमवार को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। ऑटो, बैंकिंग, रीयल्टी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली से सेंसेक्स 151 अंक से अधिक टूट गया। वहीं निफ्टी 10,900 अंक से नीचे बंद हुआ।
कारोबारियों ने कहा कि धातु तथा वाहन कंपनियों में अचानक बिकवाली होने से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट रही।
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