विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर पैसे निकाल लिए। संतोष मीणा ने कहा कि इस तिमाही में सबसे बड़ी निराशा एफएमसीजी शेयरों से हुई, जहां मजबूत आय की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं।
आज गुरुवार को भी शेयर बाजार गिरावट के साथ लाल निशान में खुला था। बुधवार को स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई थी। कल बीएसई सेंसेक्स 984.23 अंकों की गिरावट के साथ 77,690.95 अंकों पर और एनएसई का निफ्टी 50 भी 324.40 अंकों की गिरावट के साथ 23,559.05 अंकों पर बंद हुआ था।
बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 984.23 अंकों की गिरावट के साथ 77,690.95 अंकों पर आकर बंद हुआ। इस तरह एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 324.40 अंकों की गिरावट के साथ 23,559.05 अंकों पर बंद हुआ।
बीएसई में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में औसत दैनिक प्रीमियम कारोबार 8,203 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 768 करोड़ रुपये था।
आज बीएसई सेंसेक्स 820.97 अंकों की गिरावट के साथ 78,675.18 अंकों पर बंद हुआ और इसी तरह एनएसई का निफ्टी 50 भी 257.85 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 23,883.45 अंकों पर बंद हुआ।
एशियन पेंट्स के शेयर आज कारोबार के दौरान 2507.00 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंच गए थे, जो इसका नया 52 वीक लो भी बन गया। कंपनी के शेयरों का 52 वीक हाई 3422.00 रुपये है। ब्रिटानिया के शेयर भी आज 5401.75 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंच गए थे।
बीएसई सेंसेक्स 9.83 अंकों की मामूली बढ़त लेकर 79,496.15 अंकों पर बंद हुआ तो वहीं दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 6.90 अंकों की गिरावट के साथ 24,141.30 अंकों पर बंद हुआ।
15 नवंबर को गुरुनानक जयंती के मौके पर शेयर बाजार की छुट्टी रहेगी। बीएसई और एनएसई ने गुरुनानक जयंती की छुट्टी की भी सूचना साझा की है। गुरुनानक जयंती के मौके पर भी भारतीय शेयर बाजार में किसी तरह का कोई कारोबार नहीं होगा।
आज बीएसई सेंसेक्स की 30 में से 15 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए और बाकी की 15 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह, निफ्टी 50 की भी 50 में 23 कंपनियों के शेयर तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए।
अमेरिकी चुनाव में जैसे-जैसे ट्रंप की जीत पक्की होती गई, वैसे-वैसे बाजार की बढ़त भी बढ़ती चली गई और अंत में सेंसेक्स 901.50 अंकों की तेजी के साथ 80,378.13 अंकों पर बंद हुआ और निफ्टी 50 भी 270.75 अंकों की तेजी के साथ 24,484.05 अंकों पर बंद हुआ।
एक समय तो सेंसेक्स गिरते-गिरते 78,296.70 अंकों तक और निफ्टी 23,842.75 अंकों तक पहुंच गया था। हालांकि, दोपहर 1 बजे के बाद बाजार में खरीदारी में अचानक तेज उछाल देखने को मिला, जिसके बाद बाजार पहले तो हरे निशान में आया और फिर अंत में बड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के कारण ये गिरावट दर्ज की गई। इसी बीच भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट अपने 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
सोमवार को सेंसेक्स की 30 में से 24 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए और सिर्फ 4 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए। तो वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 50 की भी 50 में से 42 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए।
आज बीएसई सेंसेक्स 553.12 अंकों की गिरावट के साथ 79,389.06 अंकों पर और निफ्टी 50 135.50 अंकों की गिरावट के साथ 24,205.35 अंकों पर बंद हुआ। बताते चलें कि बुधवार को भी शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए थे और आज गिरावट के साथ ही शुरुआत भी की थी।
आपको बता दें कि आज मंथली एक्सपायरी के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। इसलिए ट्रेड सावधानी से करें।
लाल निशान में खुले शेयर बाजार में शानदार रिकवरी देखने को मिली लेकिन अंत में एक बार फिर बिकवाली हावी होने पर बाजार नुकसान में आ गया और बड़ी गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ।
एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के शेयरों में ये बढ़ोतरी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर आयोजित एक स्पेशल कॉल ऑक्शन सेशन के बाद हुई, जिसका उद्देश्य होल्डिंग कंपनियों की कीमतों का पता लगाना था, जहां एल्सिड के शेयरों की कीमत 2.25 लाख रुपये थी।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स की 30 में से 20 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और बाकी की 10 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले। जबकि निफ्टी 50 की 50 में से 32 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और 14 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले जबकि 4 कंपनियों के शेयर बिना किसी बदलाव के साथ खुले।
हफ्ते के पहले दिन बाजार खुलने पर सेंसेक्स की 30 में से 25 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में और बाकी के 5 कंपनियों के शेयर घाटे के साथ लाल निशान में खुले।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अल्पावधि में बाजार में गिरावट जारी रहेगी। इस रुख में बदलाव एफआईआई की बिकवाली की रफ्तार कम होने और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा।’’
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