विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ''ये एक कानूनी मामला है जिसमें निजी कंपनी, व्यक्ति और अमेरिकी कोर्ट शामिल हैं। ऐसे मामले में कुछ प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते हैं और हमें भरोसा है कि उनका पालन किया जाएगा। भारत सरकार को इस मामले में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी।''
विदेशी कंपनियों द्वारा घरेलू आधिकारियों को घूस देने पर रोक की कार्रवाइ 2019 में वैश्विक स्तार पर धीमी पड़ी। लेकिन भारत इस तरह की कार्रवाई करने वाले देशों की सूची में संख्या के हिसाब से ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
NHAI ने कहा है कि उसने अमेरिकी कंपनी सीडीएम स्मिथ द्वारा NHAI के अधिकारियों को दिए गए कथित रिश्वत मामले की जांच शुरू कर दी है।
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