कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के द्वारा स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम रिजर्व से कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाने के संकेतों के बाद भी कीमतों पर असर पड़ा
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। जिसके बाद से कीमतों में लगातार बढ़त से राहत मिल रही है।
सोमवार को ही ब्रेंट क्रूड की कीमत बढ़त के साथ 80.75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई थी, जो कि इसका 3 साल का उच्चतम स्तर भी था।
कच्चे तेल की कीमतें 10 महीने से ज्यादा समय के उंचे स्तर पर चली गई हैं। घरेलू एवं वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी जारी है।
दुनिया भर में जारी लॉकडाउन की वजह से क्रूड कीमतों में गिरावट जारी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत 24 फीसदी तक बढ़ी
कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुआ संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है, जिससे एशियाई बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें सोमवार को 17 साल के निचले स्तर पर जा पहुंची।
साल के ऊपरी स्तर से 66 फीसदी टूट चुका है ब्रेंट क्रूड
ब्रेंट क्रूड में 6.6 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह लगातार चार दिनों तक कच्चे तेल के दाम पर दबाव बना रहा और इन चार दिनों में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का दाम करीब पांच डॉलर प्रति बैरल टूट गया है।
खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव से कच्चे तेल में आग लगी हुई है। कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को एक बार फिर 70 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है।
सेंसेक्स 550.51 प्वाइंट की भारी गिरावट के साथ 35975.63 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 157.10 प्वाइंट की की जोरदार गिरावट के साथ 10851.20 पर बंद
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का कच्चे तेल का भाव 82 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया जो अक्तूबर 2014 के बाद सबसे अधिक भाव है
अमेरिका में पिछले तीन सप्ताह में पहली बार तेल के कुओं की संख्या बढ़ने से कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को कच्चे तेल के दाम में गिरावट दर्ज की गई।
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कमी आने की संभावना है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में पिछले नौ दिनों के दौरान 7 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आ चुकी है।
पेट्रोल और डीजल की महंगाई की मार झेल रही आम जनता को कुछ राहत मिल सकती है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है जिसका फायदा तेल कंपनियों को हो रहा है और वह इस फायदे को आम जनता से बांटने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगी महंगाई की आग कुछ शांत होने की उम्मीद बढ़ी है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भाव घटने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में 5 प्रतिशत से ज्यादा और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है, मंगलवार को लगातार छठे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं। तेल कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली और कोलकाता में पेट्रोल का दाम 17 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया है जबकि मुंबई में 16 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीजल का दाम मंगलवार दिल्ली और कोलताता में 16 पैसे तथा मुंबई में 17 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया है।
लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने इस हफ्ते फिर से दाम बढ़ाना शुरू किए हैं और शनिवार को लगातार तीसरे दिन दाम बढ़ाए गए हैं। लगातार 3 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 43 पैसे और डीजल 38 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से हुई बढ़ोतरी की वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने का खतरा बढ़ गया है, विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव करीब 43 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है, ऊपर से घरेलू करेंसी रुपए पर भी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है
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