भारत पेट्रोलियम का बाजार मूल्यांकन 85,316 करोड़ रुपए है और मौजूदा दर पर सरकार की हिस्सेदारी का मूल्य 45,200 करोड़ रुपए बैठता है।
भारत सरकार ने बीपीसीएल में अपनी पूरी हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव किया है, जिसमें 114.91 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल हैं,
व्हाट्सएप पर यह बुकिंग बीपीसीएल स्मार्टलाइन नंबर 1800224344 पर ग्राहक के कंपनी के पास पंजीकृत मोबाइल नंबर से हो सकती है।
बीपीसीएल और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अतिरिक्त कच्चे तेल की खरीद की
सरकार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण को लेकर कार्यवाही तेज कर दी है।
सरकार को उम्मीद है कि सरकारी तेल वितरण कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में वह अगले वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है।
अंतर मंत्रालयी समूह ने देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के निजीकरण के लिये बिक्री बोली दस्तावेज को मंजूरी दे दी है।
बीपीसीएल का दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही में मुनाफा पिछले साल के मुकाबले करीब तिगुना हो गया।
सार्वजनिक क्षेत्र की बीपीसीएल ने गुरुवार को दिसंबर तिमाही के परिणाम जारी किए। कंपनी ने कहा कि वर्ष की तीसरी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ तीन गुणा के करीब बढ़कर 2,051.43 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
रोसनेफ्ट के पास भारत की दूसरी सबसे बड़ी निजी तेल रिफाइनरी का स्वामित्व है। कंपनी की इच्छा दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार में अपना विस्तार करने की है।
ओएनजीसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) तथा अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां अगले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 98,521 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इस बात के संकेत दिए थे कि बीपीसीएल की हिस्सेदारी की बिक्री की प्रक्रिया से सरकारी कंपनियों को दूर रखा जा सकता है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक विनिवेश के जरिये केवल 17,364 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया है।
सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही एयर इंडिया को धन जुटाने के लिए 500 करोड़ रुपए की गारंटी प्रदान की है।
अभी इस सेवा की शुरुआत इंडस्ट्रियल, मॉल, अस्पताल आदि जैसे औद्योगिक और थोक ग्राहकों के लिए की गई है।
बीपीसीएल के शेयर के मौजूदा मूल्य के हिसाब से सरकार की 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य 62,000 करोड़ रुपए बैठेगा।
उद्योग मंडल फिक्की ने सरकार के भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), शिपिंग कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एससीआई) और कंटेनर कॉरपोरेशन आफ इंडिया (कॉन्कॉर) में हिस्सेदारी बिक्री के फैसले का स्वागत किया है।
सरकार ने इसके साथ ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी दे दी।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के प्रस्तावित पूर्ण निजीकरण का रास्ता साफ हो चुका है। सरकार ने 'चुपके से' बीपीसीएल के राष्ट्रीकरण संबंधी कानून को 2016 में रद्द कर दिया था।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि सरकारी तेल-गैस कंपनियों के विलय का कोई प्रस्ताव फिलहाल उनके मंत्रालय के समक्ष विचाराधीन नहीं है।
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