अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने से भारतीय ईंधन वितरक कंपनियां पेट्रोल और रसोई गैस में अपनी लागत की भरपाई करने की स्थिति में पहुंच गई हैं लेकिन डीजल की बिक्री पर उन्हें अब भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की इन तीनों पेट्रोलियम विपणन कंपनियों का पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री में 90 प्रतिशत नियंत्रण है।
ग्राहक न मिलने के चलते सरकार ने विनिवेश का प्लान ड्रॉप कर दिया है। इसी के साथ ही सरकार ने बिक्री का प्रस्ताव भी वापस ले लिया है।
बीपीसीएल को खरीदने के लिए तीन बोलीदाता ने अपनी दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि, दो बोलीदाता ने वित्तीय असर्मथता बताते हुए अपनी बोली वापस ले ली।
BPCL में मौजूदा शेयर होल्डिंग पर विचार करें तो सरकार की करीब 52.98 फीसदी की हिस्सेदारी है।
बीपीसीएल के लिए तीन रुचि पत्र (ईओआई) मिले हैं। इनमें से एक पेशकश उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह की ओर से आई है। अभी कंपनी के लिए वित्तीय बोलियां नहीं मांगी गई हैं।
ईवी चार्जिंग की जरूरत को देखते हुए देशभर में 7000 एनर्जी स्टेशनों का एक नेटवर्क बनाया जाएगा।
2030 तक अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत कमी लाने के लिए भारत की तेल कंपनियां प्रमुख शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर मिशन मोड में 22000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करेंगी।
बीपीसीएल के पास पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके साथ ही पेट्रोनेट में IOC, ONGC की और आईजीएल में गेल की भी हिस्सेदारी है।
बीपीसीएल एसबीआई कार्ड रूपे क्रेडिट कार्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है कि उपभोक्ता न केवल अपने ईंधन खर्च पर अधिक बचत कर सकें बल्कि अन्य खरीदारी श्रेणियों से भी लाभ उठा सकें।
सभी मोबाइल पेट्रोल पंप "प्योर फॉर श्योर" मानक प्राप्त हैं, जो उपभोक्ताओं को शुद्धता के साथ मिलावट की आशंका से मुक्त रखते हैं।
बीपीसीएल की बिक्री 2021-22 में सुधकर 4.3 करोड़ टन रह सकती है जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 4.1 करोड़ टन थी। हालांकि चालू वित्त वर्ष की बिक्री का अनुमान कोविड-पूर्व स्तर 2019-20 के मुकाबले 6 प्रतिशत कम है।
1 जुलाई तक देश में 29.11 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता थे और इस सर्विस के शुरू होने से उन्हें बहुत अधिक सुविधा मिलेगी।
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कान्त पांडेय ने बुधवार को कहा कि सरकार का इरादा इस साल बीपीसीएल का निजीकरण पूरा करने का है।
बंद की जाने वाली सीपीएसई की भू-संपत्तियों तथा रणनीतिक विनिवेश के तहत कंपनियों की अन्य गैर-प्रमुख संपत्तियों का पहले पूल बनाया जाएगा और फिर उनका मौद्रीकरण होगा
विनिवेश के लिये चुनी गयी सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरी कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मौजूदा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
बीपीसीएल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी राज्यों में इस 20 लीटर जेरीकैन सेवा को लॉन्च करने की भी योजना बनाई है
वर्तमान में, बीपीसीएल के पास 8.4 करोड़ से अधिक घरेलू एलपीजी ग्राहक हैं। इनमें 2.1 करोड़ उज्ज्वला ग्राहक हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले दो सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अब यह पता लगाने के लिए कानूनी राय मांगी गई है कि क्या निजीकरण के बाद बीपीसीएल को ओएनजीसी और गेल जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित रसोई गैस का आवंटन सही होगा।
एलपीजी की खपत सालाना लगभग 2.8 करोड़ टन है और मांग औसतन छह प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसके जल्द ही तीन करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है
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