नियामकीय अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में जो आंकड़े साझा किए गए, वे खाते कार्रवाई की डर से पहले ही बंद किए जा चुके हैं।
देश के भीतर और बाहर बेहिसाब धन का आकलन करना कठिन है, हालांकि कुछ अध्ययनों के अनुमान के मुताबिक अवैध वित्तीय प्रवाह के रूप में बेहिसाब आय का 10 फीसदी देश के बाहर चला जाता है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कालेधन पर कोई विश्वसनीय आंकड़ा नहीं है और न ही इस तरह का अनुमान लगाने के लिए कोई सही तरीका है।
ये दिशानिर्देश सोमवार से लागू हो गए हैं। कर विभाग के नीति बनाने वाले निकाय ने प्रत्यक्ष कर कानून के तहत मामलों के निपटान-2019 को लेकर 32 पृष्ठों के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।
टैक्स चोरों, बेनामी संपत्ति और कालाधन रखने वालों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी हो चुकी है। आयकर विभाग द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश आज (17 जून, सोमवार) से लागू होना है, उसके तहत कालाधन और बेनामी संपत्ति के गंभीर अपराध को 'नॉन-कंपाउंडेबल' की श्रेणी में रख दिया गया है।
स्विट्जरलैंड ने उसके बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों के संबंध में सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अकेले पिछले सप्ताह ही करीब एक दर्जन भारतीयों को इस संबंध में नोटिस दिया गया है।
आईटीआई आवेदन में पूछे गए सवालों के जवाब में दी गई जानकारी में कहा गया है कि स्विट्जरलैंड ने कालाधन मामलों पर जो सूचना दी है, वह गोपनीयता प्रावधान के अंतर्गत आती है।
खेतान 3,600 करोड़ रुपए के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपियों में से एक हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से दायर आरटीआई के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने पुष्टि की है कि इस तरह की रिपोर्ट उसे मिली हैं और उसे समिति के समक्ष रखा गया है, जो इसकी जांच करेगी।
नोटबंदी के दो वर्ष पूरा होने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की ओर से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया है।
आयकर विभाग ने भारतीयों के विदेशों में जमा अवैध धन तथा संपत्ति से संबद्ध मामलों की जांच के लिये बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है। विभाग ऐसे मामलों में कड़ी आपराधिक कार्रवाई के लिये कालाधन निरोधक कानून का उपयोग कर सकता है।
नोटबंदी पर नेशनल काउंसिल आफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER) के सीनियर फेलो डॉ. कन्हैया सिंह से पूछे गए पांच सवाल और उनके जवाब
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय भारत की गिनती दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में होती थी वहीं आज यह सोया हुआ हाथी दौड़ने लगा है।
सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताया है जिनमें कहा गया था कि स्विस बैंक में भारतीयों के पैसे में बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि 2016 के मुकाबले 2017 में स्विस बैंक में भारतीयों के पैसों में 35 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी बताई गई थी।
वित्त मंत्रालय ने कालेधन के अनुमान को लेकर तैयार तीन रिपोर्टों को साझा करने से इनकार कर दिया है।
यह लगातार तीसरा साल है जब स्विस बैंक ने ऐसे खातों की सूची जारी की है जो निष्क्रिय पड़े हुए हैं और इनके स्वामियों के बारे में कोई जानकारी बैंक के पास नहीं है।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में अवैध काले धन के मुद्दे भारत में लगातार चल रही तीखी राजनीतिक बहस के बावजूद इन बैंकों में भारतीयों के सुषुप्त पड़े खातों की सूचना जारी किए जाने के तीन-तीन साल बाद भी उनका कोई दावेदार सामने नहीं आया है। स्विट्जरलैंड के बैंक लोक-प्रहरी ने पहली बार दिसंबर 2015 में कुछ सुषुप्त खातों की सूची जारी की थी। इनमें स्विट्जरलैंड के नागरिकों के साथ ही भारत के कुछ लोगों समेत बहुत से विदेशी नागरिकों के खाते हैं। उसके बाद समय-समय पर इस तरह के और भी खातों की सूचना जारी की जाती रही है जिन
स्विस बैंकों में किसी देश के नागरिक और कंपनियों द्वारा धन जमा कराने के मामले में 2017 में भारत 73वें स्थान पर पहुंच गया। इस सूची में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का स्थान भारत से एक ऊपर यानी 72 वां हो गया है।
पाकिस्तान को कर माफी योजना से कर के रूप में भारी-भरकम रकम मिली है। यह योजना पाकिस्तानी नागरिकों के विदेश में किये गये निवेश या संपत्तियों को वैध करने और रिटर्न में उनकी घोषणा के लिये शुरू की गई। पाकिस्तान में लगभग 5,000 लोगों ने अपनी विदेशी संपत्ति घोषित करते हुए रिटर्न दाखिल किया है और अब तक कर के रूप में करीब 80 अरब रुपए जमा होने की उम्मीद है। सरकार की यह योजना आज बंद हो रही है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चेतावनी दी है कि स्विस बैंकों में अवैध रुप से धन जमा कराने वाले भारतीयों की पहचाना छुपाना अब मुश्किल होगा और ऐसे लोगों पर कालाधन रोधी कानून के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी से वहां भारतीयों के खातों के बारे में तत्काल स्विट्जरलैंड से सूचनाओं का मिलना शुरु हो जाएगा।
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