पिछले एक हफ्ते के दौरान दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और अहमदाबाद में अरहर दाल की कीमतों में 12 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई।
काला धन छुपाना और मुश्किलें होने वाला है। अब एफआईयू संदिग्ध लेनदेन पर 72 घंटों में बड़ी संख्या में रिपोर्ट तैयार कर सकेगी।
काले धन के बारे में HSBC की चुराई गई सूची में शामिल भारतीयों के खिलाफ शिकंजा और कसने वाला है।ईडी ने इन मामले में स्वतंत्र जांच शुरू की है।
जमाखोरों पर छापेमारी के बाद दाल की कीमतों में औसतन 20 रुपए प्रति किलो की गिरावट आई है। जमाखोरों पर सख्ती के बाद दाल की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है।
सिंगापुर, लग्जमबर्ग और केमैन आइसलैंड को पीछे छोड़कर अमेरिका अरबपतियों और उद्योगपतियों के लिए आकर्षक टैक्स हेवन देश बन गया है।
एसआईटी ने कहा कि एक ही पते से संचालित होने वाली एक से अधिक कंपनियों पर विशेष नजर रखे जाने की जरूरत है। इनका इस्तेमाल मनीलॉन्ड्रिंग के लिए हो रहा है।
एचएसबीसी बैंक में कालाधन रखने वालों के नाम बताने वाले पूर्वकर्मी फल्सियानी ने कहा है कि वह भारत सरकार की मदद कर सकता है, इसके लिए उसने एक शर्त भी रखी है।
बैंकिंग इन्फॉर्मेशन की ऑटोमेटिक एक्सचेंज प्रणाली लागू होने के बाद एक से दो साल में टैक्स-चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग बेहद मुश्किल हो जाएगा।
दाल की आसमान छूती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर दिखना शुरू हो गया है। लेकिन, दाल अभी भी आम आदमी के पहुंच से बाहर है।
अरहर दाल के दाम मंगलवार को 190 रुपए प्रति किलो पर आ गए। इससे पहले अरहर दाल की कीमतें 210 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई थी।
6,000 करोड़ रुपए का काधालन विदेश भेजने के आरोपों का सामना कर रहे बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने बोर्ड डायरेक्टर्स व सीनियर मैनेजमेंट अधिकारियों को आईफोन बांटे हैं।
सीवीसी ने आरबीआई और आईबीए से कहा है कि वह एक ही खाते से छोटे-छोटे मल्टीपल फॉरेक्स ट्रांजैक्शन पर नजर रखें और इसके लिए रेट अलर्ट जारी करें।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा इस समय मुश्किल में है। बैंक पर गैरकानूनी ढंग से 6000 करोड़ रुपए कालाधन देश से बाहर भेजने का आरोप है।
सरकार ने निर्यातकों, फूड प्रोसेसर्स और उन बड़े रिटेलर्स, जिनके कई आउटलेट्स हैं, के लिए दाल की स्टॉक लिमिट पर मिलने वाली छूट को खत्म कर दी है।
सरकार के हाथ में जल्द ही एक ऐसा आईटी टूल आने वाला है, जिसकी मदद से इनकम टैक्स विभाग किसी व्यक्ति के पैनकार्ड पर देशभर में होने वाले किसी भी लेन-देन पर नजर रख सकेगा। इस टूल से कालेधन पर प्रभावी ढंग से लगाम कसने में बड़ी मदद मिलेगी।
Swiss Bank का नाम तो आपने सुना ही होगा, जो आजकल कालेधन को लेकर काफी चर्चा में है। क्या आपकों पता है, स्विस बैंक में फंड ट्रांसफर करने लिए अलग-अलग कोड-वर्ड का इस्तेमाल किया जाता है।
Black Money का खुलासा करने के लिए कम्पलाइंस विंडो 30 सितंबर को बंद होते ही 1 अक्टूबर से सरकार हरकत में दिखने लगी।
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