Central Bank of Switzerland: वर्ष 2021 में स्विस बैंकों में रखी हुई भारत के निवासियों एवं कंपनियों की राशि सात साल के उच्च स्तर 60.2 करोड़ फ्रैंक पर थी। अब स्थिति बदल गई है।
वित्त मंत्रालय ने हाल ही में जारी एक अधिसूचना में सीए, सीएस और कॉस्ट अकाउंटेंट को पांच तरह के वित्तीय लेनदेन के लिए पीएमएलए के दायरे में रखने की जानकारी दी।
कोरोना संकट के बाद अमेरिका में 2020 के बाद से दुनिया को फाइनेंशियल सिक्रेसी में लगभग एक तिहाई की बढ़ोतरी हुई है।
जिन खातों के बारे में जानकारी लीक हुई है उनमें अरबों डॉलर से अधिक राशि जमा है। पत्रकारों के निष्कर्षों की समीक्षा करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से कई ग्राहकों को क्रेडिट सुइस में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी।
स्विस बैंक भारत को स्विट्जरलैंड के साथ स्वत: सूचना विनिमय समझौते के तहत अपने नागरिकों, कंपनियों के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट मिला आज प्राप्त हुआ है।
स्विटरजरलैंड तीसरी बार भारत के साथ बैंक खातों का विवरण साझा करेगा। इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में ऐसी ही जानकारी साझा कर चुका है।
स्विजरलैंड इस महीने भारत के साथ स्वचालित सूचना विनिमय ढांचे के तहत भारतीयों के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट साझा करेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
भारतीय लोगों और कंपनियों का स्विस बैंकों में जमा धन 2020 में 13 साल के उच्चस्तर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक या 20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
कुछ स्थानीय कारोबारियों ने बताया कि 2000 रुपये के 100 नोट लेने के लिए उन्हें 2.2 लाख से लेकर 2.4 लाख रुपये तक देने पड़ रहे हैं।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि 8,460 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय पर टैक्स और जुर्माने के रूप में 1290 करोड़ रुपये सराकर को प्राप्त हुए हैं।
कर विभाग के विभिन्न जांच निदेशालयों में एक नई इकाई के रूप में एफएआईयू का गठन किया गया है। इसका मकसद विदेशों में भारतीयों द्वारा रखी गई अघोषित संपत्ति और काले धन से जुड़े मामलों पर ध्यान देना है।
लोकलसर्कल्स प्लेटफॉर्म पर नागरिकों ने विभिन्न क्षेत्रों की ओर इशारा किया, जहां अवैध आर्थिक गतिविधियां व्याप्त हैं। सर्वे में 15,492 मतदाताओं ने अपने विचार रखे हैं।
भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 प्रतिशत घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपए) रह गया।
स्विस बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों की जांच के घेरे में एक शाही घराना भी आ चुका है।
आपको बता दें कि इनकम टैक्स विभाग ने देश में एक व्यक्ति के पास सोना रखने की सीमा निर्धारित की है। इस सीमा से अधिक सोने को कालाधन माना जाएगा।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के करीब एक दर्जन निष्क्रिय खातों के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आया है। ऐसे में यह आशंका बन रही है कि इन खातों में पड़े धन को स्विट्जरलैंड सरकार को स्थानांतरित किया जा सकता है।
इस प्रस्तावित योजना के तहत, बेहिसाबी संपत्ति धारकों को न्यूनतम टैक्स का भुगतान करने के जरिये अपनी संपत्ति का खुलासा करने का अवसर दिया जाएगा।
सरकार सोने के रूप में जमा अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिए स्वर्ण माफी योजना पेश करने पर विचार नहीं कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
स्विट्जरलैंड के कर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सितंबर 2020 में भारत के साथ फिर वित्तीय खातों की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
बर्न में 24 सितंबर को स्विट्जरलैंड के संघीय राजपत्र में प्रकाशित नोटिस में मोटेक सॉफ्टवेयर को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने के लिए कहा गया। इस व्यक्ति की जानकारी 10 दिन के भीतर देने होगी।
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