विश्लेषकों के मुताबिक, इस साल बिटकॉइन की कीमत गिर कर 14,000 डॉलर तक पहुंच सकती है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में अनिश्चितता बढ़ी है। इससे निवेशक डरे हुए हैं और वो बिकवाली कर रहे हैं।
क्रिप्टो को ‘फिएट करेंसी’ बनने की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है। फिएट करेंसी सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है।
गुरुवार को 1 बजे तक बिटकॉइन का भाव 14 फीसदी गिरकर 27,270 डॉलर हो गया है। यह अपने 69,000 डॉलर के ऑलटाइम से 60 फीसदी नीचे पहुंच गया है।
बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी का 11:30 बजे रेट इनवेस्टिंग डॉट कॉम पर 31,956.70 डॉलर का चल रहा है। हालांकि, आज मार्निंग में यह टूटकर 30 हजार के नीचे पहुंच गया था।
सरकार 1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले पूंजीगत लाभ पर 30 फीसदी की दर से कर लगाना शुरू कर रही है।
बिटक्वाइन की कीमत पिछले सत्र में 39,000 डॉलर के स्तर से नीचे कारोबार करने के बाद आज 43,000 डॉलर के पार चला गया है।
ईथर, एथेरियम ब्लॉकचैन से जुड़ा सिक्का और बाजार पूंजीकरण के मामले में दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोक्यूरेंसी, भी लगभग 12% गिरकर 2,348 डॉलर पर पहुंच गई है। इस बीच, डॉगकोइन की कीमत 15% से अधिक गिरकर 0.11 डॉलर पर आ गई है।
विज्ञापनों में ‘महत्वपूर्ण और जरूरी’ बिंदुओं को दर्शाना होगा। ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति में क्रिप्टो या एनएफटी शामिल हैं।
जालसाज फर्जी निवेश योजनाओं में निवेश करने का आग्रह करने से पहले लक्ष्य यानी निवेशकों के साथ नजदीकी बनाने में महीनों लगाते हैं।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी से पैसा 31 मार्च तक निकाल लेना चाहिए। उससे बाद 30 फीसदी की दर से टैक्स भी देना होगा।
सोमनाथन ने कहा कि जिस प्रकार सोना और हीरा मूल्यवान होने के बावजूद वैध मुद्रा नहीं है, निजी क्रिप्टोकरेंसी भी कभी वैध मुद्रा नहीं होंगी।
चीन के बाद अब रूस सेंट्रल बैंक ने Cryptocurrency पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया है। आने वाले दिनों में बिटकॉइन 29,000 हजार डॉलर के नीचे चला जा सकता है।
फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में तेजी से इजाफा हुआ है।
सिर्फ बिटकॉइन में ही बड़ी गिरावट नहीं आई बल्कि सभी क्रिप्टो करेंसी में गिरावट दर्ज की गई। इथर में भी करीब पांच फीसदी की गिरावट शुक्रवार को आई।
अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं?
रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ कई बार राय व्यक्त कर चुका है। वह इसे देश की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर मानता है।
सरकार से पूछा कि क्या सरकार के पास देश में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव है
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिए जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किए थे और कहा था कि ये वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा है।
देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है।
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