बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी और अप्रैल में केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों (ब्याज) में चौथाई-चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
रेपो रेट 6.5 फीसदी और सीआरआर 4 फीसदी पर बरकरार है। इतना ही नहीं, आरबीआई ने महंगाई और आर्थिक ग्रोथ के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
महंगाई दर संतोषजनक स्तर से ऊपर होने के कारण मंगलवार को गवर्नर रघुराम राजन की आखिर मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है।
क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा में रघुराम राजन नीतिगत ब्याज दरों में कटौती यह जरुरी सवाल है, दूसरे कार्यकाल पर राजन की टिप्पणी का भी बाजार को इंतजार है।
मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में बदलाव की संभवना कम है। एक्सपर्ट्स इसके पीछे बढ़ती महंगाई और वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमत को मान रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर 5% के आसपास रहने का अनुमान लगाया है। वहीं सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से महंगाई बढ़ेगी।
रिजर्व बैंक ने आज क्रेडिट पॉलिसी में मुख्य नीतिगत दरों को 0.25% की कटौती की है। रबीआई की 2016-17 की पहली द्विमासिक क्रेडिट पॉलिसी की ये हैं मुख्य बातें।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने तिमाही मौद्रिक समीक्षा में मुख्य नीतिगत दरों को 0.25% घटा दिया है। इस कटौती के बाद रेपो रेट की दर 6.50 फीसदी हो जाएगी।
शेयर बाजार एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए सप्ताह में मंगलवार को होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे बाजार को नई दिशा देंगे।
खाने-पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी की रफ्तार कम होने से रिटेल महंगाई दर घटी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित रिटेल महंगाई फरवरी में 5.18 फीसदी रही।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अपनी मोनेटरी पॉलिसी रिव्यू में उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट को 6.75 फीसदी और सीआरआर को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है।
बैंक डीबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक कल होने वाली आरबीआई के बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। इसकी प्रमुख वजह महंगाई को माना जा रहा है।
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