अबतक पिछड़े माने जाने वाले राज्य ने 19-20 दिसंबर को अपने दूसरे निवेशक सम्मेलन ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024’ में 423 कंपनियों के साथ निवेश प्रतिबद्धताओं पर हस्ताक्षर किए।
सन पेट्रोकेमिकल्स, पंप हाइड्रो तथा सोलर प्लांट सहित अक्षय ऊर्जा में 36,700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। अदाणी समूह अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है।
अदाणी ग्रुप राज्य में रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास में 1,000 करोड़ रुपये तक का निवेश करने की भी योजना बना रहा है, जिसमें गति शक्ति रेलवे टर्मिनल, इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) और औद्योगिक वेयरहाउसिंग पार्क शामिल हैं।
हाल ही में, बिहार ने राज्य में तेजी से बढ़ते चमड़ा उद्योग में निवेश आकर्षित किया है। ‘बिहार लेदर इन्वेस्टर्स मीट’ का आयोजन 18 नवंबर को कानपुर में किया गया था। इस बैठक का मकसद वैश्विक चमड़ा उद्योग केंद्र के रूप में बिहार की उभरती भूमिका को प्रदर्शित करना था।
पिछले साल राज्य की निवेशक बैठक ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023’ में 300 कंपनियों के साथ 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
राज्य अपने औद्योगिक बुनियादी ढांचे और उद्योग संबंधी नीतियों के माध्यम से भारत और विदेश से व्यवसाय को आकर्षित कर रहा है। इससे पहले बिहार लेदर इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 18 नवंबर को कानपुर में उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और निवेशकों के साथ मिलकर किया गया था।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश छठे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश से 3,23,200 करोड़ रुपये का निवेश आया। वहीं, बिहार इस लिस्ट में 16वें स्थान पर है।
वर्ष 2018 से अब तक एमएमयूवाई के तहत 34,441 लाभार्थियों को कुल 2,697 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। बीएलयूवाई के तहत अब तक 40,099 लाभार्थियों को पहली किस्त के 200 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
राज्य स्तर पर, उत्तर प्रदेश में 5.94 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले और इस मामले में यह सूची में शीर्ष पर है। इसके बाद बिहार में 3.77 करोड़ और मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले।
प्रणव अदाणी ने कहा कि बिहार में हम जिस दूसरे क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं वह सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग है। हम दो जगहों, वारसलीगंज और महावल, में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। हमारा टारगेट है सालभर में 10 मिलियन मीट्रिक टन का प्रोडक्शन। सीमेंट में हमारे इन्वेस्टमेंट से लगभग 3,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
15 प्रमुख उद्योग समूहों के साथ 10,304.91 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें पटेल एग्री इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ 5,230 करोड़ रुपये, देव इंडिया प्रोजेक्ट के साथ 1600 करोड़ रुपये और स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड 800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं।
राज्य सरकार किसानों सहित सहकारी क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के कल्याण के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। विभाग किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) रखने वाले किसानों को ब्याज मुक्त, अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया में है।
गुजरात पांचवें से सातवें स्थान पर खिसक गया है। आंध्र प्रदेश की रैंकिंग वित्त वर्ष 2021-22 में आठवें स्थान से गिरकर वित्त वर्ष 2022-23 में 11वें स्थान पर आ गई।
राज्य में चाय उद्योग की संभावना बहुत उज्जवल है। राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार वर्तमान में चाय बागान की गुणवत्ता के मामले में देश में पांचवें स्थान पर है।
Bihar Famous Fruit: बिहार भारत के लिए कई मायनों में खास है। वहां के लोग जितने शानदार होते हैं, उतनी ही मिठास मुजफ्फरपुर के लीची में होती है। बिहार ना सिर्फ राजनीति को लेकर जाना जाता है, बल्कि वह शाही लीची के लिए भी प्रसिद्ध है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन मे कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को बिजली के लिए अधिक राशि नहीं देनी होगी।
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि छात्रों को सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए बजट में शिक्षा विभाग के लिए 22,200.35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार का कुल व्यय 1.93 लाख करोड़ रुपये था। इसमें से 1.59 लाख करोड़ (82.4 प्रतिशत) रुपये राजस्व व्यय हुआ।
जब Bihar राज्य सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, विभाग द्वारा संकलित आंकड़े और बारिश की रिपोर्ट एक विरोधाभासी तस्वीर पेश करती है।
बिहार की टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी में पूंजीगत अनुदान, रोजगार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान, पेटेंट अनुदान, कौशल विकास अनुदान समेत कई तरह के प्रोत्साहन का प्रावधान शामिल हैं।
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