सरकार की पवन हंस में 51 प्रतिशत और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की इसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 28 करोड़ रुपये और 2018-19 में 69 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था
आईएलएंडएफएस का निदेशक मंडल कंपनी की शिक्षा, कचरा प्रबंधन प्रौद्योगिकी, रीयल एस्टेट और कुछ अंतरराष्ट्रीय संपत्ति को भी बेचने के लिए कदम उठा रहा है।
शहर गैस वितरण लाइसेंस के लिए अडाणी समूह ने आज सबसे अधिक 52 शहरों के लिए बोली लगाई। वहीं रिलायंस-बीपी के संयुक्त उद्यम ने पूरी प्रक्रिया पर बारीकी से गौर करने के बाद अंतिम समय पर अपने को इससे अलग रखने का फैसला किया।
सरकार ने पवन हंस में पूरी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ प्रबंधन नियंत्रण बेचने को लेकर विदेशी कंपनियों समेत निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है।
रेलवे आधुनिक सुविधाओं वाले 5,000 एसी और बिना-एसी डिब्बे के विनिर्माण के लिए 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी।
एस्सार ग्रुप ने पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह में 10 लाख टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल लगाने की बोली में जीत हासिल कर ली है।
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