इंटरनेट सुविधा से वंचित मोबाइल फोनधारकों के लिए भी ऑफलाइन भुगतान की सुविधा सितंबर, 2022 में शुरू की गई थी।
यूपीआई से मर्चेंट ट्रांजैक्शंस पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स फीस लागू होगी। यह फीस 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर देना होगा।
अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को साथ लेकर चलना लोगों के लिए कभी आसान नहीं होता है। इसलिए सरकार ने नागरिकों के लिए कई ऐसे शानदार ऐप्स बनाए हैं, जो डॉक्यूमेंट्स को सहेजकर रखने और टैक्स-चालान से बचने की सुविधा देते हैं।
वही पिछले वर्ष यूपीआई मंचों से करीब 22 अरब लेनदेन हुए थे तथा इस साल यह संख्या 40-45 अरब हो सकती है।
भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन की नींव कहे जाने वाले BHIM app ने अब भारत से बाहर भी अपने कदम बढ़ा लिए हैं।
देश तेजी से डिजिटल हो रहा है। इसी के साथ ही देश में बैंकिंग व्यवस्था भी तेजीे से बदल रही है।
एनपीसीआई ने इस सुविधा को भीम एप पर भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों के लिए चालू किया है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग को 15 दिसंबर, 2019 से अनिवार्य किया गया है।
यूपीआई के जरिये मासिक ऑनलाइन लेन-देन सितंबर महीने में माह-दर-माह आधार पर 30 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 40.58 करोड़ पर पहुंच गया।
सुधा भारद्वाज ने जांच एजेंसी द्वारा उन पर लगा गए सभी आरोपों को मनगढ़ंत बताया है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि RuPay डेबिट कार्ड, BHIM और USSD कि जरिए किए गए ट्रांजेक्शन के लिए गरीब वर्ग को सुविधा दी जाएगी
Rupay कार्ड और BHIM एप के जरिये डिजिटल भुगतान करने वालों को कैश बैक की सुविधा उपलब्ध होगी। आज होने वाली GST काउंसिल की 29वीं बैठक में इसपर मुहर लग सकती है
अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है, बैंक अपने ग्राहकों के लिए महीने के आखिर की Bill Sale लेकर आया है। इस सेल के तहत BHIM एप के जरिए बिजली, पानी, टेलिफोन, गैस या किसी दूसरे युटिलिटी बिल का भुगतान किया जाता है तो ग्राहक को अधिकतम 100 रुपए तक का कैशबैक दिया जा रहा है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूपीआई को अपग्रेड करने की योजना बना रही है।
मोर्गन स्टेनली के अनिल अग्रवाल के मुताबिक यूपीआई आधारित पेमेंट्स सिस्टम की सफलता के बल पर भारत में डिजिटल पेमेंट्स तीन गुना बढ़कर जीडीपी के 7 प्रशितत के बराबर पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां तीन भारतीय मोबाइल पेमेंट ऐप को पेश किया। इस पहल का उद्देश्य देश के डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म का अंतरराष्ट्रीयकरण करना है। यहां एक कारोबारी कार्यक्रम में मोदी ने भारत के भीम (BHIM), रूपे व एसबीआई ऐप को पेश किया।
आइए जानते हैं कैसे काम करती है व्हाट्सएप पेमेंट सर्विस और कैसे ये दूसरी सर्विस से बेहतर है।
सरकार के आधिकारिक डिजिटल इंडिया (Digital India) ट्विटर एकाउंट हेंडल से किए गए ट्वीट के मुताबिक ग्राहक हर महीने 750 रुपए और व्यापारी हर महीने 1000 रुपए कैशबैक के हकदार होंगे
अगर आप BHIM (भीम) ऐप के जरिए पेमेंट करते हैं या प्राप्त करते हैं तो सरकार आपके लिए एक खुशखबरी लेकर आई है। 14 अप्रैल यानी बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती से केंद्र सरकार इस ऐप के जरिए पेमेंट करने वालों को कैशबैक और इंसेंटिव देगी।
देश में सभी खुदरा लेनदेनों का हिसाब-किताब रखने वाले संगठन नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया(एनपीसीआई) के डिजिटल इंटीग्रेटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर दिसंबर 2017 में 14.55 करोड़ लेनदेन पंजीकृत हुए हैं।
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