कोई भी बेनामी लेनदेन या संपत्ति के बारे में आयकर विभाग तक सूचना पहुंचाने वाले को एक करोड़ रुपए तक का पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं विदेश में छुपा कर रखे गए कालेधन की जानकारी देने वाले को 5 करोड़ रुपए तक का ईनाम मिलेगा।
नए कानून में बेनामी संपत्ति रखने पर लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है और सात साल तक का कठोर कारावास भी हो सकता है।
इनकम टैक्स विभाग ने 240 मामलों में 400 से अधिक बेनामी सौदों का पता लगाया है और 600 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं।
CBI ने अपनी जांच के दौरान बीते तीन साल में 393 मुखौटा कंपनियों का पता लगाया है जिनके जरिए कथित तौर पर 2,900 करोड़ रुपए की बड़ी राशि को इधर-उधर किया गया।
बेनामी संपत्ति संव्यवहार अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को सात साल के सश्रम कारावास की सजा के साथ-साथ सामान्य कानून के तहत भी आरोपी बनाया जा सकता है।
नए बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन कानून-2016 के तहत आयकर विभाग ने देश भर में 230 से अधिक मामले अब तक दर्ज किए हैं और 55 करोड़ की संपत्तियां भी जब्त की हैं।
कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी जंग के बीच मोदी सरकार ने बेनामी संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए करीब 200 टीमों का गठन किया गया है।
बेनामी सौदे रोकने के लिए बनाया गया नया बेनामी सौदा (निषेध) कानून एक नवंबर से लागू होगा। इसके तहत सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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