1 जनवरी 2008 से लेकर 1 नवंबर 2024 तक 1000 वर्गमीटर से बड़े प्लॉट और जमीनें खरीदने वालों की लिस्ट मांगी गई है। साथ ही इसमें निजी और कंपनी दोनों के नाम खरीदी प्रॉपर्टी की डिटेल मांगी गई है।
आयकर विभाग ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की सहयोगी, वीके शशिकला की 1,600 करोड़ रुपए की 'बेनामी' संपत्ति को कुर्क किया है।
टैक्स चोरों, बेनामी संपत्ति और कालाधन रखने वालों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी हो चुकी है। आयकर विभाग द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश आज (17 जून, सोमवार) से लागू होना है, उसके तहत कालाधन और बेनामी संपत्ति के गंभीर अपराध को 'नॉन-कंपाउंडेबल' की श्रेणी में रख दिया गया है।
कोई भी बेनामी लेनदेन या संपत्ति के बारे में आयकर विभाग तक सूचना पहुंचाने वाले को एक करोड़ रुपए तक का पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं विदेश में छुपा कर रखे गए कालेधन की जानकारी देने वाले को 5 करोड़ रुपए तक का ईनाम मिलेगा।
900 से ज्यादा मामलों में संपत्ति जब्त की गई है, जब्त की गई संपत्ति में जमीन, फ्लैट, दुकान, ज्वैलरी, गाड़ियां, बैंक खातों में डिपॉजिट तथा फिक्स डिपॉजिट शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के बयान से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार जल्दी ही संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए आधार को जरूरी कर सकती है।
नोटबंदी के बाद एक खाते में एक से अधिक बार में जमा करवाई गई 15.93 करोड़ रुपए की नकद राशि को एक विशेष अदालत ने ‘बेनामी संपत्ति’ करार दिया है।
स्पेशल कोर्ट ने दिल्ली के एक बैंक के खाते में नोटबंदी के दौरान जमा हुए 15.39 करोड़ रुपए की रकम को बेनामी प्रॉपर्टी घोषित कर दिया है
आवासन मंत्री ने कहा है कि प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार इस तरह के सौदों को आधार से जोड़ने पर विचार कर रही है
बेनामी संपत्ति रोधी कानून के प्रावधानों के तहत 30 लाख रुपये से अधिक संपत्ति पंजीयन मामलों में आयकर रिटर्न का मिलान किया जा रहा है
बेनामी संपत्ति के सर्वाधिक 136 मामले अहमदाबाद में हुए, इसके बाद भोपाल में 93 मामले, कर्नाटक और गोवा में 76-76 मामले और चेन्नई में 72 मामले सामने आए हैं
बेनामी संपत्ति की जांच के लिए में आयकर विभाग ने 10 साल के दौरान पंजीकृत हुई उन सभी संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है जिनकी कीमत 1 करोड़ से अधिक है
इनकम टैक्स विभाग ने 240 मामलों में 400 से अधिक बेनामी सौदों का पता लगाया है और 600 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं।
बेनामी संपत्ति संव्यवहार अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को सात साल के सश्रम कारावास की सजा के साथ-साथ सामान्य कानून के तहत भी आरोपी बनाया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार बेनामी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए संस्थानों को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
सरकार नोट छपाई केंद्रों से लेकर एटीएम एवं बैंक तक जल्द से जल्द करंसी नोट पहुचाने के लिए सभी प्रकार के ट्रांसपोर्ट की मदद ले रही है।
दूसरे के बैंक अकाउंट में पैसे जमा करवा कर उसे व्हाइट करना काफी महंगा पड़ सकता है। बेनामी कानून के तहत ऐसे लोगों को 7 साल तक की जेल भी हो सकती है।
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