Paperless Banks: पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभाव और कागज की बरबादी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को Paperless बनाने का सुझाव दिया।
देश की 9 बैंक यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने इस हड़ताल की धमकी दी है। यूनियन में देशभर के करीब 7 लाख बैंक कर्मचारी शामिल हैंं। जो हड़ताल में शामिल होंगे।
देश के विभिन्न बैंक और वित्तीय संस्थाओं में पिछले वित्त वर्ष में 77 हजार से अधिक घोटाले हुए। इन Scam में 60 हजार करोड़ से अधिक की राशि की हेराफेरी की गई।
इस हड़ताल को झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश, असम, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गोवा और ओडिशा से अच्छी प्रतिक्रिया
सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।
भारतीय स्टेट बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘ बैंक ने हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक ब्याज के लालच में किसी भी बैंक, एनबीएफसी या स्मॉल फाइनेंस बैंक में निवेश करना सही नहीं होता है। किसी भी बैंक का चुनाव उसके वित्तीय साख को देखते हुए करें। इससे बाद में पछताना नहीं होगा।
कर्मचारी चालू वित्त वर्ष में दो और सरकारी बैंकों की निजीकरण करने के सरकार के फैसले के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं।
नौ अन्य बैंक यूनियनों ने दो दिन यानि 16 और 17 दिसंबर की हड़ताल का आह्वान किया है
यूएफबीयू के संयोजक बी रामबाबू ने कहा कि संगठन ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र के कथित कदम का विरोध करते हुए यह हड़ताल बुलाई है
सरकार ने 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर दिया था
प्रधानमंत्री ने कहा कि वक्त आ गया है कि अब बैंक अपनी बैलेंस शीट के साथ ही देश की बैलेंस शीट भी सुधारने में मदद करें
फोरम ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले चार साल या उससे अधिक समय से लंबित कर्मचारियों के वेतन संशोधन जैसे अत्यधिक संवेदनशील मामले पर केंद्रीय बैंक की मनमानी का कड़ा विरोध करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।’’
17 नवंबर से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक मे सरकारी बैंक और वित्तीय संस्थानों के अलावा निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक के प्रमुख भी मौजूद रहेंगे
लगभग एक लाख लाभार्थियों को 6,268 करोड़ रुपये के व्यावसायिक ऋण मंजूर किए गए, जबकि 5,058 लोगों को 448 करोड़ रुपये के वाहन ऋण की मंजूरी दी गई। मंत्रालय ने बताया कि 20 अक्टूबर, 2021 तक 3,401 लोगों को 762 करोड़ रुपये के आवास ऋण मंजूर किए गए।
मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में यह ग्रॉस एनपीए 7.6 प्रतिशत था। वहीं एक साल पहले मार्च 2020 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में ग्रॉस एनपीए 8.6 प्रतिशत पर था।
नेशनल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआर) के चालू वित्त वर्ष के अंत तक परिचालन में आने और पहले चरण में 90,000 करोड़ रुपये के एनपीए की संभावित बिक्री से उक्त सकल एनपीए में कमी आ सकती है।
वित्त मंत्री के मुताबिक आज के समय में बैंकों का बही खाता अधिक साफ सुथरा है ऐसे में बैंक बाजार से पैसा उठा कर सरकार पर बोझ कम कर सकते हैं।
इस समय 21 ऐसे सहकारी बैंक हैं, जो आरबीआई के स्थगन के तहत हैं। इसलिए इन बैंकों के खाताधारक पिछले महीने पारित कानून के तहत आते हैं।
सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2019 और मार्च 2021 के बीच बैंकों द्वारा सक्रिय पहल के जरिए 4.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया गया।
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