एचडीएफसी बैंक वर्तमान में 7 दिनों से 10 वर्षों की जमा अवधि पर सामान्य लोगों के लिए 3% से 7% और बुज़ुर्ग व्यक्तियों के लिए 3.5% से 7.5% तक ब्याज दरें ऑफर कर रहा है।
यहां कैश पेमेंट से मतलब बैंक खातों से उन लाभार्थियों को राशि ट्रांसफर करने की व्यवस्था से है, जिनका बैंक खाता नहीं है। नकद भुगतान सेवा के लिए, संशोधित ढांचे में कहा गया है कि भेजने वाला बैंक लाभार्थी के नाम और पते का रिकॉर्ड हासिल करेगा और रखेगा।
बैंक 4 जुलाई, 2024 को कारोबारी समय के बाद बैंकिंग कारोबार करना बंद कर चुका है। 99.98 प्रतिशत जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी पूरी जमा राशि हासिल करने के हकदार हैं।
जिस तरह से राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को पूंजी प्रदान करता है, ठीक उसी तरह, बैंकरों की मांग है कि एनबीएफसी के लिए एक समर्पित रीफाइनेंस बॉडी का गठन होना चाहिए।
एआईबीओसी और एआईबीईए का कहना है कि यह जरूरी है कि परिचालन दक्षता के वांछित स्तर को सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) पर नियंत्रण का दोहरापन खत्म होना चाहिए। उन्हें प्रायोजक बैंकों की तरह परिचालन और नियामकीय ढांचे के तहत लाया जाना चाहिए।
अगर आप अपने होम लोन को किसी दूसरे बैंक को ट्रांसफर करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको प्रोसेसिंग फीस, एप्लीकेशन चार्ज, एडमिनिस्ट्रेशन फीस, रिव्यू फीस, और बहुत कुछ सहित विभिन्न शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है।
वित्त मंत्रालय बैठक में पीएम विश्वकर्मा, स्टैंडअप इंडिया, पीएम स्वनिधि और दूसरी कई प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेगा। पीएमजेडीवाई के तहत निष्क्रिय खातों और रुपे कार्ड जारी करने की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एमटेक सूमह की एसीआईएल लिमिटेड कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी इस मामले में धनशोधन की जांच कर रही है। इस धोखाधड़ी से सरकारी खजाने को लगभग 10,000-15,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय असमर्थता और दूसरी नियामकीय लापरवाही के चलते बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया है। बैंक का आज से ऑपरेशन बंद करने का आदेश जारी किया गया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।
ऑनलाइन स्कैम या फ्रॉड की घटनाओं के बीच आज के दौर में अपने बैंक अकाउंट की सिक्योरिटी को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। महज चंद सेकेंड में पूरा अकाउंट ही खाली होने का खतरा बना रहता है।
वित्त वर्ष 2023-24 में दिए गए लोन की संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो गई। पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल ऋणदाताओं के कुछ व्यवहार पर चिंता जताई है और उनके संचालन के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट भी तैयार किया है।
भारत के डिजिटल बैंकिंग परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ने से इस क्षेत्र की वृद्धि में प्रमुख योगदान रहा है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर इस बदलाव ने वित्तीय सेवाओं तक पहुंच का विस्तार किया है।
हर जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से सिर्फ पांच लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि पाने का हकदार होगा। आरबीआई ने कहा कि अगर बैंक को आगे भी बैंकिंग कारोबार जारी रखने की अनुमति दी गई तो इससे जनहित पर विपरीत असर पड़ेगा।
एटीएम उद्योग परिसंघ (सीएटीएमआई) चाहता है कि इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाया जाए। एटीएम इंटरचेंज वह शुल्क है जो कार्ड जारी करने वाले बैंक की तरफ से उस बैंक को दिया जाता है, जहां कार्ड का इस्तेमाल नकद निकालने के लिए किया जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेबताया कि किसी भी उद्योगपति के ऋणों की माफी नहीं की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लगभग 1,105 बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच की है, जिसके परिणामस्वरूप 64,920 करोड़ रुपये की अपराध आय जब्त की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 के दौरान धोखाधड़ी में शामिल राशि 13,930 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 26,127 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 36,075 हो गई, जो एक साल पहले 13,564 थी।
प्रधानमंत्री जन धन अकाउंट किसी भी बैंक शाखा या व्यवसाय प्रतिनिधि (बैंक मित्र) आउटलेट में खोला जा सकता है। यह अकाउंट एक जीरो बैलेंस अकाउंट होता है। यानी हर महीने औसत मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की अनिवार्यता नहीं होती है।
आखिर आपको क्रेडिट कार्ड की जरूरत है भी या नहीं, अप्लाई करने से पहले सोचिएगा जरूर। अगर लेना सोच ही लिया है तो आपके लिए सही कार्ड वह होगा जो आपकी ज़रूरत से मेल खाता हो।
भारत में एटीएम का इस्तेमाल करना अभी भी दुनिया के तमाम देशों के मुकाबले काफी सस्ता है। अगर आप स्मार्ट तरीके से एटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इसके इस्तेमाल के बदले चार्ज देने की नौबत ही नहीं आएगी।
हाल के दिनों में बैंकिंग फ्रॉड की घटना तेजी से बढ़ी है। इसको देखते हुए बैंकों ने अपने कस्टमर को इससे बचने की सलाह दी है। बैंकों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी है।
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