निजी बैंक इस हड़ताल से बाहर थे। ऐसे में अब निजी और सरकारी बैंकों में आम दिनों की तरह कामकाज निपटाएंगे।
बैंक यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का सबसे महत्वपूर्ण कारण बैंकों के कामकाज की आउटसोर्सिंग को बताया है। इससे बैंकों में जमा, निकासी, चेक का समाशोधन प्रभावित हो सकता है
देश की 9 बैंक यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने इस हड़ताल की धमकी दी है। यूनियन में देशभर के करीब 7 लाख बैंक कर्मचारी शामिल हैंं। जो हड़ताल में शामिल होंगे।
इस हड़ताल को झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश, असम, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गोवा और ओडिशा से अच्छी प्रतिक्रिया
सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।
भारतीय स्टेट बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘ बैंक ने हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है
कर्मचारी चालू वित्त वर्ष में दो और सरकारी बैंकों की निजीकरण करने के सरकार के फैसले के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं।
नौ अन्य बैंक यूनियनों ने दो दिन यानि 16 और 17 दिसंबर की हड़ताल का आह्वान किया है
यूएफबीयू के संयोजक बी रामबाबू ने कहा कि संगठन ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र के कथित कदम का विरोध करते हुए यह हड़ताल बुलाई है
सरकार ने 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर दिया था
फोरम ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले चार साल या उससे अधिक समय से लंबित कर्मचारियों के वेतन संशोधन जैसे अत्यधिक संवेदनशील मामले पर केंद्रीय बैंक की मनमानी का कड़ा विरोध करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।’’
सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है।
सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ।
Bank Strike News: देश भर के सरकारी बैंकों में आज और कल कोई काम नहीं होगा। दरअसल सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के सरकार के फैसले के खिलाफ़ बैंक यूनियनों ने हड़ताल का ऐलान किया है।
देशभर में बैंकिंग सेवा सोमवार और मंगलवार को प्रभावित हो सकती है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने निजीकरण के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 मार्च से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संयुक्त मंच है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 15 और 16 मार्च को बैंकिंग इंडस्ट्री में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के जनरल सेक्रेटरी सीएच व्यंकेटचलम ने कहा कि मंगलवार को आयोजित यूएफबीयू की बैठक में बैंकों का निजीकरण करने वाले सरकार के फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया गया है।
बैंकिंग क्षेत्र की दो प्रमुख यूनियनें अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) 27 मार्च को बैंकों के महाविलय के विरोध में हड़ताल पर जाएंगी।
मार्च 2020 में आपको एक बार फिर बैंकिंग सेवाओं को लेकर परेशान होना पड़ सकता है। बैंक कर्मचारी मार्च में 11 से 13 मार्च के बीच फिर से तीन दिनों की हड़ताल पर जा सकते हैं और 10 मार्च (मंगलवार) को होली है।
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