तेलंगाना के मामले में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक (एपीजीवीबी) की परिसंपत्तियों व देनदारियों को एपीजीवीबी और तेलंगाना ग्रामीण बैंक के बीच विभाजित करने के अधीन होगा।
एआईबीओसी और एआईबीईए का कहना है कि यह जरूरी है कि परिचालन दक्षता के वांछित स्तर को सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) पर नियंत्रण का दोहरापन खत्म होना चाहिए। उन्हें प्रायोजक बैंकों की तरह परिचालन और नियामकीय ढांचे के तहत लाया जाना चाहिए।
सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर चल रही चार सरकारी बैंकों के मर्जर की खबर पर स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर सरकार फिलहाल कोई विचार नहीं कर रही है।
बता दें कि सबसे पहले तीन साल पहले यानी 2019 में केंद्र सरकार ने 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों के चार बड़े ऋणदाताओं में विलय किया था।
सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर इन्हें चार बड़े बैंकों में तब्दील कर दिया था। इसके बाद अब सरकारी बैंकों की तादाद घटकर 12 रह गई है।
इन ग्राहकों से ग्राहक सेवाओं और शिकायतों के समाधान को लेकर उनके अनुभवों के बारे में पूछा जाएगा।
आरबीआई ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) और इलाहाबाद बैंक समेत छह सरकारी बैंकों के नाम को आरबीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची से बाहर कर दिया है।
6 सरकारी बैंकों का विलय 4 बड़े बैंकों में किया गया है
कोरोना वायरस की वजह से 14 अप्रैल तक पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में 10 बड़े सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी।
मंत्रीमंडल ने कंपनी कानून में भी बदलाव को मंजूरी दी है, जिसके तहत 40 कानूनों को आपराधिक दर्जा से बाहर किया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के महाविलय के लिए तय एक अप्रैल की समयसीमा तेजी से नजदीक आ रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि ये समयसीमा आगे बढ़ सकती है।
केंद्र पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स (ओबीसी) के विलय के बाद बनने वाली इकाई के लिये नया नाम और प्रतीक चिन्ह की घोषणा करेगा।
बीमा नियामक इरडा सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों विलय के साथ उन्हें एक से अधिक बीमा कंपनियों में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।
वित्त मंत्रालय ने कॉरपोरेशन बैंक और आंध्र बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में प्रस्तावित विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
आरटीआई के जरिए मिले जवाब के अनुसार बीते पांच वित्तीय वर्षों में विलय या बंद होने से एसबीआई की सर्वाधिक 2,568 बैंक शाखाएं प्रभावित हुईं। आरटीआई कार्यकर्ता ने सरकारी बैंकों की शाखाओं को बंद किए जाने का सबब भी जानना चाहा था।
आज देश में बैंकिंग सेवाएं व्यापक रूप से ठप रहेंगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय और जमा राशि पर ब्याज दर घटने के विरोध में कुछ कर्मचारी यूनियनों ने आज हड़ताल का आह्वान किया है।
आज ही बैंक से जुड़े सारे काम निपटा लें वरना दिवाली से पहले आपको परेशानी हो सकती है। दरअसल, 22 अक्टूबर (मंगलवार) को बैंकों में हड़ताल रहने वाली है।
10 बैंकों के विलय के विरोध में 22 अक्टूबर को हड़ताल की घोषणा की गई है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ की ओर से बुलाई गई हड़ताल को भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने भी समर्थन दिया है।
पीएनबी, यूबीआई और ओबीसी की विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद बनने वाले नए बैंक के प्रतीक चिन्ह (लोगो) के लिए किसी बाहरी विशेषज्ञ की सेवाएं ली जा सकती हैं।
बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, 'आरबीआई ने नौ अक्टूबर 2019 को अपने पत्र के जरिए यह सूचित किया कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लि. और इंडियाबुल्स कमर्शियल क्रेडिट लि. के लक्ष्मी विकास बैंक (एलवीबी) के साथ विलय के आवेदन को मंजूरी नहीं दी जा सकती।'
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