आपको ऐसे चार सवालों के बारे में बता रहे हैं, जिनके जवाब के माध्यम से आप इसका पता लगा सकते हैं कि क्या आप अभी होम लोन लेने के लिए तैयार हैं?
मियादी जमा में वह जमा राशि है, जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है। इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक 18 जून, 2021 को समाप्त हुए पखवाड़े में बैंक ऋण 5.82 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 108.42 लाख करोड़ हो गया जबकि जमा धन 10.32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 152.99 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कृषि और राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम राज्य के 75 जिलों में लाभार्थियों की जांच कर रही है। ऑनलाइन सिस्टम की इसी जांच के दौरान इन भारी गड़बडि़यों का पता चला है।
आरबीआई के हॉलीडे कैलेंडर के अनुसार जुलाई माह में अलग-अलग राज्यों में स्थानीय त्योहार के कारण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में अवकाश रहेगा।
आरबीआई के औचित्य मानदंड के तहत, एमडी या डब्ल्यूटीडी के रूप में नामित होने वाले व्यक्ति को किसी अन्य व्यवसाय में नहीं लगाया जाएगा।
एटीएम कार्ड से यूजर बिना छुए एटीएम मशीन से पैसे निकाले जा सकते हैं।
कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोगों के बैंक जमा और हाथ में रखी नकदी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
भारत में एफडी ब्याज दर अवधि और वरिष्ठ नागरिकों के आधार पर अलग-अलग होती है। बजाज फाइनेंस ऑनलाइन एफडी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि यह न केवल ऊंचे रिटर्न की गारंटी देती है बल्कि इसके साथ अन्य कई लाभ भी मिलते हैं।
पूर्ववर्ती सिंडीकेट बैंक का स्विफ्ट कोड, जिसका उपयोग फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजैक्शन के लिए स्विफ्ट मेसैज भेजने या प्राप्त करने के लिए किया जाता है, एक जुलाई 2021 से बंद हो जाएगा।
बैंकों को दूसरे बैंकों के एटीएम में कार्ड के उपयोग के एवज में लगने वाले शुल्क की क्षतिपूर्ति और अन्य लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए उन्हें प्रति लेने-देन ग्राहक शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी गई है।
वीआरएस के जरिये कर्मचारियों को जबरन बाहर करने का मकसद नहीं है, बल्कि इसके जरिये उन कर्मचारियों को इसका फायदा होगा जो पहले सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं।
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि निजीकरण से पहले ये बैंक अपने कर्मचारियों के लिए आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) ला सकते हैं।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी हाल ही में इम्यून इंडिया डिपोजिट स्कीम की शुरुआत की है, जिसके तहत टीका लगवाने वाले उपभोक्ताओं को लागू कार्ड रेट पर अतिरिक्त 0.25 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश की जा रही है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार गत 21 मई 2021 को समाप्त पखवाड़े के दौरान बैंक ऋण 5.98 प्रतिशत बढ़कर 108.33 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया वहीं जमा राशि 9.66 प्रतिशत बढ़कर 151.67 लाख करोड़ रुपये हो गई।
कोरोना संकट की वजह से बैंकों में कामकाज के नियमों में बदलाव के साथ साथ जून के महीने में पड़ने वाली छुट्टियों की वजह से काम को निपटाने में मुश्किलें आ सकती हैं।
परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि के एवज में जमा बीमा दावा प्राप्त करने का हकदार होगा।
राज्य के स्वामित्व वाले बैंक संशोधित ईसीजीएलएस मानदंडों के तहत ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय ऋण प्रदान करेंगे।
यदि आप कोविड-19 दूसरी लहर के कारण वित्तीय दबाव में हैं, तो आप अपने खाते के पुनर्गठन का विकल्प चुन सकते हैं।
जब तक आप नया केवाईसी नहीं करवाते तब तक यह अकाउंट फ्रीज हो जाता है। यानि आप कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते हैं।
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