दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 10 साल या उससे अधिक पुरानी डीजल गाड़ियों को तुरंत जब्त करने का आदेश दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी और इससे अधिक क्षमता के डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध से ऑटो इंडस्ट्री को आठ महीनों में करीब 4,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 2000cc और इससे अधिक क्षमता वाले डीजल वाहनों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है।
टोयोटा ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) का दरवाजा खटखटाते हुए कहा है कि देश भर में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का विचार कंपनी को मृत्युदंड देने जैसा है।
जावड़ेकर ने कहा है कि अदालतों द्वारा दिल्ली-एनसीआर में 2,000 सीसी से अधिक इंजन क्षमता की डीजल कारों तथा एसयूवी पर प्रतिबंध एक सही तरीका नहीं है।
कार कंपनियों को आकर्षित करने के लिए अरूण जेटली ने दिल्ली में नए बड़े डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध को कम कर आंकते हुए कहा कि यह अस्थाई चरण है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीजल कार और 2,000 सीसी और इससे अधिक ईंजन क्षमता वाले एसयूवी पर प्रतिबंध से वाहन उद्योग में करीब 5,000 रोजगार प्रभावित हुईं है।
डीजल कारों पर 30 फीसदी की दर से पर्यावरण उपकर लगाया गया तो कोई भी भारत में निवेश नहीं करेगा और निवेश गंतव्य के रूप में देश की छवि बुरी तरह प्रभावित होगी।
लेटेस्ट न्यूज़