भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की अधिकतर जनता खेती-किसानी से अपना भरण-पोषण करती है। यह राज्य अकेले बांस की बुआई कर हजारों की संख्या में रोजगार पैदा कर रहा है। इसके लिए उसने ये रणनीति बनाई है।
नितिन गडकरी ने कहा कि वो जल्द ही दिल्ली में हाइड्रोजन से चलने वाली कार को पेश करने वाले हैं। अगले 15 दिनो मे वो दिल्ली मे इसकी ट्रायल करेंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बांस की खेती किसानों की आय दोगुना करने के लिए एक महत्वपूर्ण फसल हो सकती है।
मिनाक्षी का सपना आत्म निर्भर भारत के लिए वोकल टू लोकल पर अमल कर हैंडमेड इन इंडिया के तहत बांस से बने उत्पादों को घर-घर पहुंचाना है।
केवीआईसी को 10-15 वर्षों में तैयार होने वाले चंदन के पेड़ों से 50 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, जबकि बांस के पेड़ों से तीन साल बाद हर साल चार से पांच लाख रुपए मिलने का अनुमान है।
घरेलू बांस के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए के लिए फैसला
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