बढ़ते बैड लोन की समस्या एक गंभीर चिंंता बनी हुई है। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन घट रहा है और बेरोजगारी पिछले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
लोकसभा ने वह प्रस्तावित विधेयक पारित कर दिया जिसमें बैंकों को ऋण अदायगी नहीं किए जाने पर रेहन रखी गई संपत्ति को कब्जे में लेने के अधिकार दिया गया है।
बैंकिंग प्रणाली में फंसे कर्ज यानि कि NPA में जहां जोरदार इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी ओर इस तरह की एसेस्ट को बेचने में भी मुश्किल पेश आ रही है।
भारतीय बैंकों ने पहले ही अपने बैड (तनावग्रस्त) लोन को नॉन-परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) श्रेणी में डाल दिया है या उन्हें वॉच लिस्ट में रख लिया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) का 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध नुकसान कई गुना बढ़कर 3,587 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
एनपीए से चिंतित बीबीबी एक मध्यस्थ प्रणाली पर काम कर रहा है ताकि इस समस्या का जल्द समाधान ढूंढा जा सके और बैंक प्रबंधन को बकाए के भुगतान में सहूलियत मिले।
भारत में बैड लोन का बोझ महाकाय है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एक एनालिस्ट के मुताबिक भारत में एनपीए 13 लाख करोड़ रुपए है।
एशिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं से तुलना में भारत के सरकारी बैंकों की बैड लोन (एनपीए) की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।
सरकार यूको बैंक और सिंडीकेट बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों में इस सप्ताह 5,050 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी डालेगी। इससे बैंको मदद मिलेगी।
जेटली ने कहा कि उन्हें बैंकों को सम्मान से बकाए का भुगतान करना चाहिए वर्ना वे कर्जदाताओं और जांच एजेंसियों के दबाव का सामना करने के लिए तैयार रहें।
सरकार ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निर्देश दिया है कि वह कर्ज न चुकाने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स की निजी गारंटी को भुनाकर ऋण की वसूली करें।
विजय माल्या ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर कहा, “मैं भगोड़ा नहीं हूं, एक इंटरनेशनल बिजनेसमैन हूं”। मैं अक्सर ही भारत से दूसरे देशों को जाता रहा हूं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कंसोर्टियम ने माल्या को भारत न छोड़ने का आदेश जारी करने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
गिरफ्तारी की मांग के बाद सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई की शिकायत पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
एसबीआई ने कर्ज नहीं चुकाने को लेकर यूबी ग्रुप के कर्ताधर्ता विजय माल्या के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल का रुख किया है।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने लगभग 900 कंपनियों की एक लिस्ट जारी की है जिसे उसने विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली) श्रेणी में रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को उन कंपनियों की लिस्ट सौपने का निर्देश दिया है, जिन पर 500 करोड़ रुपए से अधिक बैंक का कर्ज बकाया है और वे उसे नहीं चुका रही हैं।
बढ़ती एनपीए से बुरी तरह प्रभावित बैंक आफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक समेत सरकारी बैंकों को अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बैंकों की बैलेंस शीट साफसुथरा करना जरूरी है ऐसा होने पर ही आगे अधिक कर्ज सहायता देने में समर्थ होंगे।
2013 से 2015 के वित्तीय वर्षों के दौरान 29 बैंकों ने करीब 1.14 लाख करोड़ लोन दिया है, जिसे लोग चुकाने के मूड में नहीं है। दूसरे शब्दों में पैसे डूब गए हैं।
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