प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक का मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में एकल शुद्ध लाभ 2,024.64 करोड़ रुपए रहा है।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के NPA की बड़ी मात्रा सरकार के लिए ज्यादा चिंता का विषय नहीं है।
एक्सिस बैंक का शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में डूबे कर्ज के तेजी से बढ़ जाने के कारण 43% घटकर 1225.10 करोड़ रुपए रहा।
जेटली ने कहा है कि सरकार बैंकों के फंसे कर्ज के मुद्दे के समाधान को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है। जेटली ने कहा NPA बैंकिंग प्रणाली पर बुरा असर डाल रही है।
एक संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय से IDBI बैंक के लिए पुनरोद्धार योजना बनाने को कहा है। बैंक पर डूबे कर्ज का बोझ इस कदर बढ़ गया है।
बढ़ती एनपीए पर चिंता जताते हुए बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) के प्रमुख विनोद राय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखा है।
बैंक यूनियनों के एक वर्ग की हड़ताल के कारण मंगलवार को सरकारी बैंकों की तमाम शाखाएं या तो बंद रहीं या उनमें काम कामकाज नहीं हुआ।
नोटबंदी के दौरान अतिरिक्त काम के लिये बैंक कर्मचारियों को मुआवजा दिये जाने की मांगों को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों ने 28 फरवरी को हड़ताल
यूएफबीयू ने बैंक सुधारों के खिलाफ तथा कर्मचारियों द्वारा किए गए अतिरिक्त कार्य के मुआवजे की मांग को लेकर मंगलवार 28 फरवरी को हड़ताल का आह्वान किया।
बैंक कर्मचारी की 28 फरवरी को प्रस्तावित हड़ताल से सार्वजनिक बैंकों में सामान्य कामकाज प्रभावित होने की आशंका है। यूएफबीयू की अगुवाई में हड़ताल होगी।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का शुद्ध मुनाफा दोगुने से भी अधिक बढ़कर 2,610 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
RBI का कहना है कि बैंकिंग क्षेत्र के एसेट्स की गुणवत्ता भारी दबाव में है और बैंकों का GNPA सितंबर में बढ़कर 9.1 प्रतिशत हो गया जो कि मार्च में 7.8 प्रतिशत था
फिच ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि बढ़ते NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) की वजह से अगले साल चीन और भारत के बैंकों पर भारी दबाव बना रहेगा
सरकार ने संसद में बताया कि 2,071 उद्योगपतियों पर बैंकों का कुल 3.89 लाख करोड़ रुपए बकाया है। उद्योगपतियों ने 50 करोड़ रुपए या इससे अधिक का ऋण ले रखा है।
बढ़ते बैड लोन की समस्या एक गंभीर चिंंता बनी हुई है। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन घट रहा है और बेरोजगारी पिछले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
लोकसभा ने वह प्रस्तावित विधेयक पारित कर दिया जिसमें बैंकों को ऋण अदायगी नहीं किए जाने पर रेहन रखी गई संपत्ति को कब्जे में लेने के अधिकार दिया गया है।
बैंकिंग प्रणाली में फंसे कर्ज यानि कि NPA में जहां जोरदार इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी ओर इस तरह की एसेस्ट को बेचने में भी मुश्किल पेश आ रही है।
भारतीय बैंकों ने पहले ही अपने बैड (तनावग्रस्त) लोन को नॉन-परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) श्रेणी में डाल दिया है या उन्हें वॉच लिस्ट में रख लिया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) का 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध नुकसान कई गुना बढ़कर 3,587 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
एनपीए से चिंतित बीबीबी एक मध्यस्थ प्रणाली पर काम कर रहा है ताकि इस समस्या का जल्द समाधान ढूंढा जा सके और बैंक प्रबंधन को बकाए के भुगतान में सहूलियत मिले।
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