वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेबताया कि किसी भी उद्योगपति के ऋणों की माफी नहीं की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लगभग 1,105 बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच की है, जिसके परिणामस्वरूप 64,920 करोड़ रुपये की अपराध आय जब्त की गई है।
बैंक अपना बकाया वसूलने के लिए अनिल अंबानी, वेणुगोपाल धूत, किशोर बियानी, कपिल और धीरज वाधवान जैसे कई हाई-प्रोफाइल नामों के साथ कानूनी लड़ाई में लगे हुए हैं।
भारतीय सरकारी बैंकों में एनपीए का मर्ज काफी पुराना है। कर्ज देकर न वसूल पाने के चलते बैंक एक समय पर एनपीए की खाई में धंसे थे, लेकिन अब ये खाइयां भरने लगी हैं
बैंक डिफॉल्टर को लेकर लोकसभा में सोमवार को राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। संसद में राहुल गांधी के लोन डिफॉल्टर्स मुद्दे को लेकर हंगामा मचा हुआ है।
बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) का अनुपात सितंबर 2019 के 9.3 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2020 में 9.9 प्रतिशत पर पहुंच सकती है।
सरकार ने बैंकों से फंसे कर्ज यानी एनपीए के निपटान के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा। सरकार का मानना है कि बैंकों के पास और कोई विकल्प नहीं होने की स्थिति में ही उन्हें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास जाना चाहिए।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए मार्च 2018 के 14.6 प्रतिशत के स्तर से 4 प्रतिशत कम होकर मार्च 2020 तक 10.6 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है।
चुनौतियों के बावजूद बैंक का घाटा घटकर 9,975 करोड़ रुपए रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में 12,283 करोड़ रुपए था।
सरकार की विभिन्न मुहिमों का असर दिखने लगा है और इनके कारण सार्वजनिक बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कमी आई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2008 से 2014 के बीच अंधाधुंध कर्ज देने वाले बैंकों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने को लेकर रिजर्व बैंक की आलोचना की है।
घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7,700 करोड़ रुपए से अधिक फंसे कर्ज की वसूली की। यह आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में वसूली गयी राशि से अधिक है। यह बैंक की स्थिति पटरी पर आने का संकेत है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा कि आने वाले वर्ष बैंकों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे और बैंकों को डूबे कर्ज की समस्या से आगे बढ़कर धोखाधड़ी, साइबर सुरक्षा और कारोबारी प्रशासन जैसे अन्य दिक्कतों पर ध्यान देना चाहिए। बैंक ने 2017-18 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि परिचालन माहौल जटिल हो रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल कल यानी 12 जून को संसद की एक स्थायी समिति के सामने हाजिर हो सकते हैं। इस सुनवाई में पटेल को नोटबंदी के बाद लौटी मुद्रा का आंकड़ा, पीएनबी घोटाला और बैंकों के बढ़ते फंसे कर्ज (NPA) जैसे मुद्दों पर कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के वसूल नहीं हो रहे कर्जों के मामले देख रहे उप प्रबंध निदेशक (DMD) पल्लव महापात्रा ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आईबीसी के तहत निपटान के लिए कर्जदारों की दो सूची भेजी है उसमें एसबीआई का अकेले का फंसा धन कुल मिलाकर लगभग 78000 करोड़ रुपए है।
अपनी खराब वित्तीय सेहत की वजह से रिजर्व बैंक की त्वरित सुधार कारवाई (पीसीए) के दायरे में आए सार्वजनिक क्षेत्र के 11 में से 9 बैंकों ने सरकार को अपनी दो साल की सुधार योजना सौंपी है।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के बड़े कर्जदारों द्वारा जानबूझ कर नहीं चुकाए जाने वाले बड़े कर्जदारों की राशि अप्रैल अंत में बढ़कर 15,199.57 करोड़ रुपए हो गई।
स्टेट बैंक के अलावा पंजाब नेशनल बैंक ने भी 2016-17 में 9,205 करोड़ रुपये बट्टे खाते डाले हैं। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया ने 7,346 करोड़ रुपये, केनरा बैंक ने 5,545 करोड़ रुपये
28 बड़े एनपीए खातों की दूसरी लिस्ट में शामिल कंपनियों की निपटान समयसीमा समाप्त होने के बाद अब बैंक इनमें से 24 खातों को दिवाला प्रक्रिया के तहत एनसीएलटी के पास भेजने की तैयारी में हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अंत तक बढ़कर 7.34 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसका अधिकांश हिस्सा कॉरपोरेट डिफॉल्टरों के कारण बढ़ा है।
SBI का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में द्ध मुनाफा 38% घटा है। यह गिरावट तनावग्रस्त ऋण (एनपीए) के निपटान हेतु अधिक प्रावधान करने की वजह से आई है।
लेटेस्ट न्यूज़