घरेलू क्षेत्र की प्रमुख वाहन कंपनी टाटा मोटर्स के यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री अगस्त में 58 प्रतिशत तक लुढ़क गई।
वाहन उद्योग में जारी संकट के बीच क्षेत्र की अग्रणी कंपनी अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिये कंपनी से अलग होने की योजना की घोषणा की है। कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की है जब पहले से ही उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर हैं।
बाजार की मौजूदा स्थिति देखते हुए भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता, ह्युंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने अपने कुछ उत्पादन विभागों में इस महीने 'नो प्रोडक्शन डेज' घोषित कर दिया है।
आर्थिक मंदी का असर अब धीरे-धीरे साफतौर से दिखने लगा है। सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था से सबसे ज्यादा प्रभावित ऑटो इंडस्ड्री हो रही है। कई बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट में या तो उत्पादन बंद कर दिया है या फिर लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है।
टीवीएस ग्रुप की प्रमुख सुंदरम क्लेटन लिमिटेड (एससीएल) कंपनी ने भी ऑटो सेक्टर में मंदी के चलते दो दिन (16 व 17 अगस्त) के लिए अपने कारखानों में उत्पादन बंद रखने की घोषणा की है।
देश में यात्री वाहनों का उत्पादन चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान सालाना आधार पर 13.18 प्रतिशत कम रहा। मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, फोर्ड टोयोटो तथा होंडा जैसी कंपनियों ने उत्पादन में उल्लेखनीय रूप से कटौती की है।
देश के ऑटो कंपोनेंट उद्योग में हालांकि सुस्ती के इस दौर में भी अब तक बड़े पैमान पर छंटनी नहीं हुई है, लेकिन अगर यही स्थिति बनी रही तो उद्योग को मजबूरन भारी छंटनी करनी पड़ेगी। उद्योग संगठन की माने तो आने वाले दिनों में 10 लाख लोग बेरोजगारी के शिकार बन सकते हैं।
उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने दावा किया है कि पिछले तीन माह के दौरान खुदरा विक्रेताओं ने बिक्री में भारी गिरावट की वजह से करीब दो लाख कर्मचारियों की छंटनी की है।
सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि हमने उद्योग में इतने लंबे समय तक मंदी नहीं देखी है।
मारुति सुजुकी ने अपने बयान में बताया कि अल्टो और पुरानी वैगन आर वाले मिनी सेगमेंट में बिक्री जून, 2019 में 36.2 प्रतिशत घटी है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सरकार से प्रदूषण नियंत्रण के लिए पुराने वाहनों को कबाड़ करने को प्रोत्साहन आधारित नीति लाने की मांग की है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले साल मई में उसने 1,72,512 वाहनों की बिक्री की थी।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने मार्च में कुल 13,662 वाहनों की बिक्री की। पिछले साल मार्च में यह आंकड़ा 13,537 वाहन था।
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में सिआम ने यात्री वाहनों की बिक्री में 8-10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था लेकिन तीसरी तिमाही से लगातार बिक्री में कमी आने के बाद इसे संशोधित कर 6 प्रतिशत कर दिया गया था।
देश में पिछले महीने यात्री वाहनों की बिक्री 1.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,80,125 इकाई रही। पिछले साल जनवरी में देश में 2,85,467 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की दिसंबर में बिक्री 1.3 प्रतिशत गिरकर 1,28,338 यूनिट रह गई। पिछले साल दिसंबर में उसने 1,30,066 वाहन बेचे थे।
ईंधन के बढ़े हुए दाम और कुछ जगह बाढ़ के कारण सितंबर में घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री की रफ्तार मंद रही। प्रमुख विनिर्माताओं की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों में बिक्री में यह गिरावट दिखी है।
टाटा मोटर्स देश की तीसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन कंपनी बनने की होड़ में महिंद्रा एंड महिंद्रा के और करीब पहुंच गई है।
SIAM के मुताबिक अगस्त के दौरान देश में कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में 29.56 प्रतिशत और थ्री व्हीलर्स की बिक्री में 22.83 प्रतिशत बढ़ी है
सेंसेक्स 147.01 प्वाइंट की बढ़त के साथ 38389.82 और निफ्टी 52.20 प्वाइंट बढ़कर 11589.10 पर बंद हुआ है
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