अब आप बिना डेबिट कार्ड के एटीएम से पैसा निकाल सकते हैं। इसके लिए आपके मोबाइल फोन में यूपीआई पेमेंट ऐप होना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि यूपीआई की मदद से आप बिना कार्ड के कैसे एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (स्वनिधि) योजना को सूक्ष्म-ऋण सुविधा के रूप में जून 2020 में शुरू किया गया था। इस योजना का मकसद कोविड-19 महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए रेहड़ी पटरी वालों को सशक्त बनाना है।
हाल ही में नेशनल पमेंट कॉरपोरेशन (NPCI) ने एटीएम में यूपीआई की मदद से कैश निकालने की इजाजत दी है।
ग्राहकों को तय लिमिट के बाद विड्रॉल करने पर 20 रुपये अदा करने होते हैं। लेकिन अब इसकी दर बढ़ाकर 21 रुपये कर दी गई है।
डिजिटल बैंकिंग के विस्तार के साथ ही फ्रॉड भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अक्सर कार्ड खाने के चलते दुरुपयोग की आशंका रहती है। ऐसे में आपको तुरंत इसे ब्लॉक करवाना होता है।
बीस जून, 2012 को जारी ‘भारत में व्हाइट लेबल एटीएम-दिशानिर्देश’ का अनुपालन नहीं करने को लेकर चार व्हाइट लेबल एटीएम परिचालकों पर जुर्माना लगाया गया।
1 अक्टूबर से बैंकों को एटीएम की अनदेखी भारी पड़ सकती है। आरबीआई ने बैंक पर 10000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया है।
मई अंत तक देश में कुल 1,10,623 ऑन-साइट बैंक और 1,04,031 ऑफ-साइट एटीएम मशीनों का संचालन विभिन्न बैंकों द्वारा किया जा रहा है।
यह मशीन एक बार में पांच से सात मिनट के भीतर 70 किलो तक अनाज निकाल सकती है।
बैंक ने एटीएम से पैसे निकालने और चेकबुक के शुल्क में बढ़ोतरी की है। नये शुल्क सभी सैलरी अकाउंट और सभी डोमेस्टिक सेविंग अकाउंट पर लागू होंगे। शुल्क के नये नियम अगस्त से जारी होंगे।
एसबीआई ने कहा कि 4 मुफ्त नकद निकासी के बाद बैंक ब्रांच, एसबीआई एटीएम या अन्य बैंक के एटीएम से नकद निकासी पर हर बार 15 रुपये और जीएसटी शुल्क लिया जाएगा।
चोरों को पकड़ने के लिए एडिशनल कमिश्नर एन कन्नन के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया है।
बैंकों को दूसरे बैंकों के एटीएम में कार्ड के उपयोग के एवज में लगने वाले शुल्क की क्षतिपूर्ति और अन्य लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए उन्हें प्रति लेने-देन ग्राहक शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी गई है।
इसके तहत बैंक ग्राहक एक जनवरी, 2021 से अगर मुफ्त निकासी या अन्य सुविधाओं की स्वीकार्य सीमा से ज्यादा बार लेन-देन करते हैं, तो उन्हें प्रति लेन-देन 21 रुपये देने होंगे जो अभी 20 रुपये है।
गुजरात के राजकोट जिले का एक छोटा सा गांव आनंदपार बुधवार को डेयरी किसानों के लिए आधार आधारित अमूल माइक्रो एटीएम भुगतान केंद्र वाला देश का पहला गांव बन गया।
लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के नियमों को देखते हुए लोग बैंक जाने से बच रहे हैं और पैसे निकालने के लिए एटीएम का उपयोग कर रहे हैं।
अगर आप भी बैंक का डेबिट एवं एटीएम कार्ड उपयोग करते हैं तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए।
कोरोना संकट के बीच कई शहरों में लाॅकडाउन लगा है। कोरोना के कंटेनमेंट जोन में किसी भी गतिविधि पर बैन है। लेकिन इस संकट के बीच भी लोगों को पैसों की जरूरत होती है।
बढ़ते साइबर हमलों के बीच बैंकों को एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) को लेकर सुरक्षा मानदंडों को मजबूत बनाने को कहा गया है।
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