तय समय के बाद अगर कोई इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करता है तो लेट फीस के तौर पर 5,000 रुपए भरने होंगे। 31 दिसंबर के बाद यह लेट फीस 10,000 रुपए होगी।
अरुण जेटली ने श्रम आधारित क्षेत्रों चमड़ा और फुटवियर के लिए एक योजना लाने की घोषणा की है। यह योजना कपड़ा क्षेत्र की तर्ज पर होगी।
विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देने की घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
केंद्रीय बजट में कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया गया। इससे कई चीजें सस्ती हो गई हैं तो कई महंगी। आइए जानते हैं क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा।
अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने की घोषणा की है। इंडस्ट्री बहुत लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 5,000 करोड़ रुपए तक विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी देने वाला निकाय FIPB को समाप्त करने की घोषणा की।
सरकार रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों आईआरसीटीसी (IRCTC), इरकॉन (IRCON) तथा आईआरएफसी (IRFC) को सूचीबद्ध कराने की अपनी योजना पर आगे बढ़ेगी।
2017-2018 के लिए आम बजट पेश हो चुका है। इस बार सरकार ने आम आदमी को सबसे बड़ा तोहफा टैक्स छूट सीमा बढ़ाकर दिया है। राजनीतिक पार्टियों को भी देना होगा हिसाब।
वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को लोकसभा में बजट पेश करने के बाद उसके प्रस्तावों के बारे में ट्विटर पर लोगों द्वारा पूछे गए के सवालों का जवाब देंगे।
#Budget2017: पूर्व विदेश राज्य मंत्री ई अहमद के निधन के चलते आम बजट एक दिन के लिए टल सकता है। लिहाजा बजट अब दो फरवरी को पेश होने की संभावना बन रही है।
#Budget2017: अरुण जेटली अपना चौथा और सबसे चुनौतीपूर्ण बजट पेश करेंगे। इस बार नोटबंदी से हुई परेशानी को दूर करने के लिए जेटली बजट में कुछ कर राहत दे सकते हैं
आर्थिक समीक्षा में गरीबी को कम करने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) को विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के विकल्प के रूप में रेखांकित किया गया है।
आर्थिक समीक्षा के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर रिजव बैंक के पांच प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने की संभावना है।
पहली बार वित्त मंत्री अरुण जेटली रेट बजट कल पेश करेंगे। रेल विकास प्राधिकरण और उच्च गति रेल प्राधिकरण का गठन इस साल रेल बजट का हिस्सा हो सकता है।
इस समय कर राजस्व की समस्या यूएलबी के अपर्याप्त कर लगाने के अधिकारों के कारण नहीं है। इनमें एक संभावनाओं वाला स्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है।
नोटबंदी के बाद से शुरू हुई नकदी (कैश) की समस्या अप्रैल 2017 तक पूरी तरह खत्म हो जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2016-2017 में यह बात कहीं गई है।
आर्थिक समीक्षा में सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
नोटबंदी से हुई परेशानी को दूर करने के लिए जेटली 2017-18 के बजट में कुछ कर राहत और अन्य प्रोत्साहन दे सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके।
भारतीय उद्योग जगत आगामी आम बजट में कंपनी कर में कटौती और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन दिए जाने सहित कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में सर्विस टैक्स की दरों को बढ़ कर 16-18 प्रतिशत के बीच करने का प्रस्ताव कर सकते हैं। वर्तमान दर 15% है।
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