शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ‘‘आरआईटीएल की मौजूदा चुकता इक्विटी शेयर पूंजी को रद्द कर दिया गया है।
लेनदारों की समिति (सीओसी) ने पहले दौर की नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की फ्लोर वैल्यू तय की थी।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में कार्यरत रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक ने बर्खास्त करते हुए नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त कर दिया था।
कंपनी ने बीएसई को दी गई सूचना में कहा कि संपत्ति के मौद्रीकरण प्रस्ताव को सिर्फ 72.02 प्रतिशत शेयरधारकों का ही समर्थन मिला।
आर इंफ्रा की इकाई डीएएमईपीएल को डीएमआरसी से कुल 7100 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, इस धन का उपयोग आर इंफ्रा के ऋण को चुकाने में किया जाएगा और कंपनी पूरी तरह से ऋण मुक्त बन जाएगी।
यह मामला रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डीएमआरसी के बीच बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर आधार पर दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस के लिए 2008 में हुए एक समझौते से जुड़ा है।
रिलायंस इंफ्राटेल पर कुल 4339.58 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जबकि सफल समाधान आवेदक ने 3720 करोड़ रुपये की योजना पेश की है।
रिलायंस पावर ने कहा कि महामारी के बावजूद उसने अपने कर्ज में 1031 करोड़ रुपये की कमी की है और वह वित्त वर्ष 2021-22 में अपने कुल कर्ज में 3200 करोड़ रुपये की कमी लाएगी।
कारोबारी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल का नुकसान दिनों दिन घटता जा रहा है।
रिलायंस ग्रुप की यह दूसरी कंपनी है, जिसके लिए ऑथम विजेता के रूप में सामने आई है। पिछले महीने रिलायंस होम फाइनेंस के अधिग्रहण के लिए ऑथम के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी।
पिछले महीने जारी पोस्टल बैलट नोटिस में कंपनी ने कहा था कि उसका लक्ष्य कर्ज-मुक्त बनना है। कंपनी ने कहा कि रिलायंस पावर के कुल कर्ज में 2021-22 के दौरान 3200 करोड़ रुपये की कमी लाई जाएगी।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक है, जो ऊर्जा, सड़क और मेट्रो रेल जैसे कई हाई-ग्रोथ सेक्टर्स में विभिन्न स्पेशल पर्पज व्हीकल्स के माध्यम से परियोजनाओं के विकास में जुटी है।
बीते लंबे वक्त से मुश्किलों में घिरे रिलायंस एडीएजी समूह के मुखिया अनिल अंबानी के अच्छे दिन आते दिख रहे हैं।
उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे अनमोल अंबानी पर भी लॉकडाउन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जब नेता लाखों की भीड़ के साथ रैलियां कर सकते हैं तो व्यापार क्यों नहीं किया जा सकता।
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस का दिसंबर तिमाही का शुद्ध घाटा 339.55 करोड़ पर पहुंच गया।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने शेयर बाजार को बताया कि उसने दिल्ली-आगरा टोल रोड में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी क्यूब हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को 3,600 करोड़ रुपये से अधिक में बेच दी है।
हिस्सेदारी बिक्री को लेकर रूचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि एक दिसंबर थी। कर्जदाताओं के सलाहकार एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज को अंतिम तिथि तक कुल 60 अलग-अलग बोलियां प्राप्त हुई हैं।
एक ओर मुकेश अंबानी की कंपनी आरआईएल के निवेशकों की चांदी हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर अनिल अंबानी की कंपनी में पैसा लगाने वाले कंगाल हो गए हैं।
रिलायंस समूह ने 2015 में पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग लिमिटेड का अधिग्रहण किया और बाद में इसका नाम बदलकर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (आरएनईएल) कर दिया।
अनिल अंबानी ने ब्रिटेन की अदालत में अपनी सारी संपत्ति और देनदारियों का पूरे और निष्पक्ष तौर पर खुलासा करते हुए कहा था कि व्यक्तिगत रूप से उनके पास भारत के बाहर कोई संपत्ति नहीं है।
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