संथानम सुब्रमण्यन ने एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत में कहा, ''चीन प्लांट के वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही से शुरू होने और चौथी तिमाही से उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि इस प्लांट में वित्त वर्ष 2025-26 में पूरी तरह से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा है कि वह फेड द्वारा अपनी प्रमुख ब्याज दर में कटौती शुरू करने से पहले मुद्रास्फीति में कमी के अतिरिक्त सबूत तलाश रहे हैं। जुलाई में डेयरी और फलों और सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई।
अमेरिकी आर्थिक विश्लेषण ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल से जून तिमाही के दौरान अमेरिकी जीडीपी 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। अमेरिकी विकास दर इतनी जल्दी नकारात्मक में जाने की संभावना नहीं है।
अधिकारियों के अनुसार, इसका मतलब यह है कि 17 जून 2024 के बाद किसी भी समय 10 साल की अवधि तक पहुंचने वाले अप्रवासी इस कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं होंगे। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि उनका अनुमान है कि गर्मियों के अंत तक आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, तथा आवेदन शुल्क अभी निर्धारित नहीं किया गया है।
भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की वृद्धि दर ऊंची होनी चाहिए। यदि ये राज्य 10 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि करें, तो भारत 10 प्रतिशत से अधिक की दर से आगे बढ़ेगा।
भारत, अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक बन गया है। पहले स्थान पर चीन और दूसरे स्थान पर वियतनाम हैं।
ताई ने अबू धाबी में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि चीन का आर्थिक विकास दुनिया भर में कई प्रतिस्पर्धी दबाव पैदा कर रहा है और संस्था में अब सुधार की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि 35,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का मतलब है कि हमें करीब तीन दशकों तक 9-10 फीसदी की सालाना वृद्धि की जरूरत है और इसका मतलब है कि हमें लगातार नवाचार करने की जरूरत है।
रिपोर्ट बताती है कि मुद्रास्फीति 9.1 प्रतिशत के शिखर से काफी कम हो गई है, लेकिन यह फेडरल रिजर्व के 2 प्रतिशत लक्ष्य से काफी ऊपर बनी हुई है।
भारत की ओर से चीन पर निर्भरता खत्म करने की मुहिम रंग ला रही है। चीन अब भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार नहीं रह गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में चीने से होने वाला आयात में बड़ी कमी आई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम नरेंद्र मोदी के रिश्ते काफी मजबूत हैं। इसकी बानगी कई बार देखने को मिला है। दोनों नेता एक दूसरे को पूरी गर्मजोशी से मिलते हैं। हाल के दिनों में अमेरिका और भारत सरकार ने मिलकर कई सामानों पर टैक्स में कटौती की थी, जिससे उनकी कीमत कम करने में मदद मिली थी।
यह कदम 9-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाइडेन की भारत यात्रा से पहले उठाया गया।
USA China: ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ (डब्ल्यूएसजी) ने रविवार की अपनी बड़ी खबर में लिखा कि अर्थशास्त्री अब मानते हैं कि चीन बहुत धीमी वृद्धि के युग में प्रवेश कर रहा है। फिर भी वह अमेरिका से पंगा लेने में पीछे नहीं हट रहा है।
रेटिंग एजेंसी ने पीएनसी फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप सहित 11 बैंकों का आउटलुक निगेटिव कर दिया है।
फिच ने अभी तक अमेरिका को सर्वोच्च रेटिंग दे रखी थी। लेकिन बढ़ते कर्ज को देखते हुए अब बाइडन सरकार की रेटिंग को एक पायदान घटाकर ट्रिपल A (AAA) से एए प्लस कर दिया है।
भारत चना, दाल और सेब सहित आठ अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक आयात शुल्क को खत्म करेगा।
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का डिफेंस सेक्टर अब दुनिया से कदमताल कर रहा है। इंडिया और अमेरिका एक साथ मिलकर हर स्तर पर काम कर रहे हैं।
सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों का विनियामक द्वारा निरीक्षण किया जाता है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित करने और निवेशकों का विश्वास बनाए रखने में मदद मिलती है।
जेफरीज के विख्यात विश्लेषक क्रिस्टोफर वुड के अनुसार, बात यह है कि बइडेन का लक्ष्य आने वाले हफ्तों में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करना है, जो अमेरिकी व्यवसायों द्वारा चीन में निवेश को सीमित करेगा।
America's First Republic Bank: बैंक को बचाने के सभी प्रयासों के विफल होने के बाद ऐसा किया गया है। यहां सबसे खास बात यह है कि जेपी मॉर्गन फर्स्ट रिपब्लिक के सभी एसेट का अधिग्रहण करेगा।
लेटेस्ट न्यूज़