पिछले 4 साल के दौरान देश में हवाई यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को जानकारी दी है कि 2017 के दौरान देश में हवाई यात्रियों की संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई है जो भारतीय रेल में वातानुकूलित डिब्बों के यात्रियों की संख्या से ज्यादा है। 2016 के मुकाबले 2017 में हवाई यात्रियों की संख्या में 17.31 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है।
घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या अप्रैल में 26 प्रतिशत बढ़कर 1.15 करोड़ हो गई। विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आज ये आंकड़े जारी किए। यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी की मुख्य वजह पिछले महीने से पर्यटन सीजन का शुरू होना बताई गई है।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि आलोच्य तिमाही में उसका लोड फैक्टर हालांकि एक प्रतिशत घटकर 85 रहा लेकिन इसकी भरपाई क्षमता में 80 प्रतिशत बढ़ोतरी ने कर दी
घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या फरवरी में लगभग 16 प्रतिशत बढ़कर 86.55 लाख हो गई। वहीं 2016 के फरवरी महीने में यह संख्या 74.76 लाख रही थी।
घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या दिसंबर 2016 में 24 प्रतिशत बढ़कर 95.52 लाख हो गई जो कि 2015 के दिसंबर महीने में 77.09 लाख रही थी।
जुलाई में करीब 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। यह लगातार 24वां महीना है, जब दहाई अंक में वृद्धि हुई है। कम किराये से अधिक संख्या में लोग आकर्षित हो रहे हैं।
घरेलू हवाई यातायात में इस साल जून में लगभग 21 फीसदी की वृद्धि हुई। घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में लगातार 23वें महीनें वृद्धि देखने को मिली है।
दुनिया भर के हवाई यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अब यात्रियों को एयर ट्रैवल के दौरान ढेर सारे डॉक्यूमेंट कैरी करने की जरूरत नहीं होगी।
घरेलू विमानन कंपनियों ने मार्च में 78.72 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। फरवरी में 74.76 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी।
यात्रा के दौरान दुर्घटना में मृत्यु, चोट लगने, सामान खोने और उड़ान में अनुचित देरी होने की स्थिति में विमान यात्रियों को अब पहले से अधिक मुआवजा मिलेगा।
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