डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने संभावित खरीदारों से 13 फरवरी, 2021 तक अभिरुचि पत्र (EoI) आमंत्रित करने के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (PIM) जारी किया है।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अब तीन महीने से कुछ ही अधिक समय बचे हैं, ऐसे में विनिवेश प्रक्रिया के पूरा होने की संभावना बहुत कम है।
एयर इंडिया के मुताबिक सीनियर सिटीजन को टिकट बुक करते समय बेस फेयर में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह स्कीम केवल डोमेस्टिक फ्लाइट के लिए लागू होगी।
घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये नमक से लेकर साफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले टाटा समूह के अलावा कई कंपनियों ने प्रारंभिक बोलियां लगायी हैं।
राष्ट्रीय एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के पायलट यूनियनों ने अपने सदस्यों को सलाह दी है कि वे विनिवेश प्रक्रिया के जरिए एयरलाइन को संभालने के लिए कर्मचारियों की बोली में हिस्सा न लें।
शुरुआती योजना के मुताबिक कर्मचारी प्रबंधन कंसोर्टियम सामूहिक रूप से एयरलाइन के 51 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करेगा और वित्तीय साझेदार का कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सा रहेगा।
बोली लगाने की समयसीमा को पांचवी बार आगे खिसकाते हुये अब 14 दिसंबर 2020 कर दिया गया है। इससे पहले 25 अगस्त को कोविड- 19 महामारी के बीच इसे चौथी बार आगे बढ़ाकर 30 अक्टूबर किया गया था।
घाटे में चल रही एयर इंडिया पर 31 मार्च 2019 तक 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। इस साल जनवरी में एयर इंडिया के लिए बोली मंगाई गई थी, जिसकी समयसीमा अब तक 3 बार बढ़ाई जा चुकी है।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया के ऊपर कर्ज को देखते हुए सरकार के पास केवल दो विकल्प बचे हैं। या तो केंद्र सरकार इसका प्राइवेटाइजेशन करेगी या फिर इसे बंद कर देगी।
जनवरी में जारी रूचि पत्र के तहत बोली जमा करने की अंतिम तिथि 17 मार्च थी। बाद में इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल किया गया। उसके बाद इसे 30 जून और फिर 31 अगस्त तक बढ़ाया गया था। अब इसे 2 महीने और बढ़ा दिया गया है।
एयर इंडिया के नॉन-फ्लाइंग (गैर-उड़ान) कर्मचारियों की वेतन कटौती तय समय में महंगाई भत्ते (डीए) के साथ बहाल हो सकती है, लेकिन पायलटों के लिए आय के नुकसान की भरपाई फिलहाल संभव नहीं है।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से 22 मार्च से देश में अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक हवाई यात्री सेवाएं स्थगित हैं।
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी एयर इंडिया द्वारा अपने कुछ कर्मचारियों को पांच साल के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजने के फैसले को उचित ठहराया है।
‘एयरलाइन अपने अस्तित्व के लिए सरकारी फंडिंग पर निर्भर नहीं हो सकती’
प्रतिबंधित क्षेत्रों और मेडिकल के आधार पर कर्मचारियों को ऑफिस आने से छूट जारी रहेगी
एयर इंडिया कोविड-19 से काफी पहले से गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। महामारी के असर ने, खासतौर से उड्डयन क्षेत्र में, काफी प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों के बाधित हो जाने को देखते हुए एयर इंडिया के लिये बोली लगाने की समय सीमा को फिर से दो महीने के लिये बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है।
डीओटी ने अपने आदेश में कहा कि वह यह कदम उठा रहे हैं कि क्योंकि भारत सरकार ने अमेरिकी विमानों के परिचालन अधिकार को बाधित कर दिया है और वह अमेरिकी विमानों के साथ भेदभावपूर्ण और प्रतिबंधात्मक रवैया अपना रही है।
विकल्प चुनने वालों को अवकाश के दिन कहीं और काम करने की अनुमति नहीं
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