कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत हर साल बासमती चावल के निर्यात से 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। इसमें विशेषकर शीर्ष कृषि संस्थान आईसीएआर द्वारा विकसित पूसा -1121 किस्म के सुगंधित धान का बड़ा योगदान है।
केंद्र सरकार ने इस साल किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य तो बढ़ा दिया है लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से कहीं किसान इसका लाभ उठाने से वंचित न रह जाएं। देशभर में अबतक औसत के मुकाबले कम बरसात दर्ज की गई है जिस वजह से खरीफ बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में खरीफ उत्पादन प्रभावित होगा और किसानों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का ज्यादा लाभ नहीं मिल सकेगा
अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के अनुकूल कई छूटें दी जा सकती हैं। किसानों की कर्ज माफी ही 40 अरब डॉलर (2.8 लाख करोड़ रुपए) यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के डेढ़ प्रतिशत को पार कर जाएगा।
सरकार ने कृषि क्षेत्र के कुछ कामों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के उपयोग को लेकर एक समन्वित नीतिगत रुख तैयार करने के मकसद से मुख्यमंत्रियों के उप-समूह का गठन कर दिया है
आने वाले समय में फसलों की सेहत की निगरानी स्मार्ट ड्रोन के जरिये और खेतों की जुताई जीपीएस नियंत्रित स्वचालित ट्रैक्टरों से हो सकती है। साथ ही खेतों में कब और कितना कीटनाशक, उर्वरक का उपयोग करना है तथा मिट्टी को बेहतर बनाने के तरीके जैसी चीजें की जानकारी सही समय पर किसानों को आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। यह सब कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य संबंधित प्रोद्योगिकी के उपयोग से संभव होगा।
देश में इस साल गेहूं की सरकारी खरीद 5 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। भारतीय खाद्य निगम की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकारी एजेंसियों ने 7 जून तक देशभर में कुल 3.508 करोड़ टन गेहूं की खरीद कर ली है जो किसी भी रबी मार्केटिंग सीजन में अबतक हुई दूसरी सबसे अधिक खरीद है, इससे पहले रबी मार्केटिंग सीजन 2012-13 के दौरान देश में 3.81 करोड़ टन गेहूं खरीदा गया था जो अबक का रिकॉर्ड है।
देश में इस साल भी गेहूं और चावल उत्पादन का रिकॉर्ड टूटा है, बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2017-18 के लिए तीसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है जिसके मुताबिक इस साल देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है।
चालू वित्त वर्ष (2018-19) में सरकार राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) के साथ और 200 थोक मंडियों को ऑनलाइन मंच ईनाम से जोड़ेगी। रविवार को केंद्रीय कृषि सचिव एस के पट्टनायक ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंडियों के बीच आपस में लेनदेन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। मौजूदा समय में 14 राज्यों की 585 निगमित मंडियों को e-Nam से जोड़ा जा चुका है।
किसानों को उनकी उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्राप्त हो यह सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्रालय एक नई नीति पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए शीघ्र ही कैबिनेट नोट जारी करेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पेश किए गए देश के बजट में कृषि से लेकर उद्योगों तक और रेल से लेकर रोजगार तक कई बड़े ऐलान किए। आइए, जानते हैं मोदी सरकार के इस बजट की 10 खास बातों के बारे में:
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपए की जा सकती है। कुछ विश्लषकों का मानना है कि सरकार वेतन भोगियों को कुछ राहत देने के लिए फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू कर सकती है।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि नये बाजारों में विस्तार किये बिना कृषि क्षेत्र में उत्पादन दोगुना होने से किसानों की आय कम होकर आधी रह जायेगी।
अब सरकार देसी गाय के सह-उत्पादों जैसे गोमूत्र और गोबर सहित अन्य के जरिये उत्पादों का निर्माण करने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगी।
सामान्य तौर पर पूरे रबी सीजन के दौरान देश में 623.53 लाख हेक्टेयर की खेती होती है और इस बार पहली दिसंबर तक 389.83 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी है
चालू रबी सत्र में अभी तक गेहूं खेती का रकबा 110.66 लाख हेक्टेयर हो गया जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि के रकबे से 12.41 प्रतिशत कम है।
खेती-किसानी को कारखाने और उत्पादन को प्रभावी मूल्य श्रृंखला के जरिए प्रसंस्करण से जोड़ने से गांवों में रोजगार वृद्धि के साथ किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार सरकार के द्वारा रबी दलहन और तिलहन फसलों का जो एमएसपी घोषित किया गया है उसमें 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल की बोनस राशि भी शामिल है।
चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण आय में सामान्य वृद्धि ही होने की उम्मीद है। इसकी अहम वजह कृषि जिंसों की कीमतों में कमी और जीएसटी लागू होना एवं नोटबंदी का असर है
कुछ तिलहन और दलहन कीमतों में गिरावट को लेकर चिंतित एक मंत्री समूह ने सूरजमुखी तेल, मूंगफली तेल और पीली दाल के आयात का विनियमन करने पर विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2017-18 के लिए खरीफ फसलों का पहला अग्रिम अनुमान (1st Advance Estimate) जारी कर दिया है।
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