तमाम मुश्किलों के बावजूद एक सेक्टर ऐसा है जहां पर पहले के मुकाबले ज्यादा रफ्तार से काम हो रहा है और वह है देश का कृषि सेक्टर। सरकार भी इस सेक्टर से बहुत ज्यादा उम्मीद लगाए बैठी है।
पिछले एक दशक में विभिन्न राज्यों ने कुल 4.7 लाख करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ किए हैं। यह उद्योग जगत से संबंधित गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का 82 प्रतिशत है।
कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 11,379 व्यक्तियों ने 2016 के दौरान आत्महत्या कर ली थीं लेकिन उसके बाद से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के संबंध में सरकार ने कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है।
आने वाले समय में फसलों की सेहत की निगरानी स्मार्ट ड्रोन के जरिये और खेतों की जुताई जीपीएस नियंत्रित स्वचालित ट्रैक्टरों से हो सकती है। साथ ही खेतों में कब और कितना कीटनाशक, उर्वरक का उपयोग करना है तथा मिट्टी को बेहतर बनाने के तरीके जैसी चीजें की जानकारी सही समय पर किसानों को आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। यह सब कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य संबंधित प्रोद्योगिकी के उपयोग से संभव होगा।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि नये बाजारों में विस्तार किये बिना कृषि क्षेत्र में उत्पादन दोगुना होने से किसानों की आय कम होकर आधी रह जायेगी।
सरकार ने इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड से लागत से कम मूल्य पर रसायन सैचुरेटेड फैटी अल्कोहल के इंपोर्ट की जांच शुरू की है। एंटी डंपिंग ड्यूटी लग सकती है।
TRAI के चेयरमैन आर एस शर्मा के अनुसार, 5G टेक्नोलॉजी के जरिए भारत को परिवहन तथा कृषि जैसे क्षेत्रों में विकास की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र द्वारा गठित समिति कृषि क्षेत्र में अनेक बड़े सुधारों पर विचार कर रही है। जानिए क्या रह रही है समिति।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया है।
Demonetisation के तीन सप्ताह गुजर चुके हैं, मगर उसके बाद से कोई खास सकारात्मक प्रभाव लोगों के सामने नहीं आया है। हांलाकि कैशलेस लेन-देन में बढ़ोतरी हुई है।
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