कृषि मंत्री के मुताबिक देश में गेहूं व धान की खरीद तो एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर होती थी, लेकिन दलहन व तिलहन की खरीद की व्यवस्था नहीं थी, केंद्र सरकार ने किसानों को आय समर्थन के लिए इन्हें भी एमएसपी पर खरीदने की व्यवस्था की है, जिससे दलहन की पैदावार बढ़ाने में मदद मिली है।
तीन कृषि कानूनों के मामले के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को निश्चित तोर पर लाभ होने वाला है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की ट्वीट पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि उनके सामने गलत तथ्य रखे गए हैं। पवार ने कहा था कि नए कानून से एमएसपी और मंडियां खत्म होंगी
मंत्री समूह के साथ 22 जनवरी को किसान यूनियनों के साथ आखिरी दौर की वार्ता में केंद्रीय मंत्री तोमर ने साफ कहा कि नये कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर डेढ़ साल तक रोक लगाने के सरकार के प्रस्ताव पर जब किसान यूनियन सहमत होंगे तभी उनके साथ बातचीत होगी।
शीर्ष अदालत ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए मसले के समाधान के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। हालांकि कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग कर लिया, जिसके बाद अब कमेटी में तीन सदस्य हैं।
कृषि मंत्री के मुताबिक ये कानून पहले आने चाहिए थे, लेकिन पहले की सरकार दबाव-प्रभाव में आगे नहीं बढ़ पाई। मोदी जी ने साहसपूर्वक कदम उठाया और दो नए कानून बनाए एवं एक कानून में संशोधन किया, जिन्हें संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दी।
कृषि राज्यमंत्री के मुताबिक केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए व्यापक योजनाएं लागू की हैं, जिसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। नए कानून इसी दिशा में है अगर किसानों को कोई आपत्ति है तो सरकार उनसे बात कर संशोधन के लिए तैयार हैं।
सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों को पत्र लिखकर 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। ये बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। इससे पहले दोनो पक्षों में कई दौर की बात हो चुकी है हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
किसानों से जुड़े एक संगठन के राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कृषिभवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र सौंपे। इस पत्र में 3 लाख से ज्यादा किसानों के हस्ताक्षर हैं।
इस नीति का उद्देश्य निर्यात के क्षेत्र में विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और निर्यात इकाईयों, संगठनों को आवश्यक निर्यात-संबंधी सहायता और सेवा उपलब्ध कराना एवं राज्य से निर्यात को बढ़ाने के लिए तकनीकी और भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।
ब्याज पर ब्याज से छूट योजना में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, गृह ऋण, उपभोक्ता सामान ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल ऋण, प्रोफेशनल्स के लिए पर्सनल लोन और उपभोग ऋण के तहत 2 करोड़ रुपए तक के ऋण को शामिल किया गया है।
कृषि श्रमिकों के मामले में सीपीआई में सर्वाधिक 23 अंक की वृद्धि हिमाचल प्रदेश में दर्ज की गयी। वहीं ग्रामीण कामगारों के संदर्भ में जम्मू कश्मीर में सर्वाधिक 20 अंक की वृद्धि हुई। इस वृद्धि का कारण मुख्य रूप से गेहूं आटा, दाल, सरसों तेल, दूध, सब्जी, फलों के दाम आदि में आई बढ़ोतरी है।
कृषि निर्यात के प्रदर्शन को उल्लेखनीय बताते हुए मंत्रालय ने कहा है कि इसके लिए समग्र कार्य योजना तैयार की गई है।
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मंत्रालय ने कहा है कि अज्ञात स्रोतों से भ्रामक पैकेज के साथ अनचाहे/संदिग्ध सीड पार्सल का खतरा अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, जापान और कुछ यूरोपीय देशों में पाया गया है।
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