ब्याज पर ब्याज से छूट योजना में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, गृह ऋण, उपभोक्ता सामान ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल ऋण, प्रोफेशनल्स के लिए पर्सनल लोन और उपभोग ऋण के तहत 2 करोड़ रुपए तक के ऋण को शामिल किया गया है।
अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के अनुकूल कई छूटें दी जा सकती हैं। किसानों की कर्ज माफी ही 40 अरब डॉलर (2.8 लाख करोड़ रुपए) यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के डेढ़ प्रतिशत को पार कर जाएगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि यदि देशभर में इसी तरह की ऋण माफी की जाती है तो इससे सरकार का घाटा GDP के दो फीसदी तक बढ़ जाएगा।
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