Adani Group Excellent Returns: आज बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अडानी ग्रुप के शेयर ने तो कमाल ही कर दिया। एक ही दिन में निवेशकों को तगड़ा फायदा हुआ।
24 जनवरी को अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में प्रतिकूल टिप्पणियां किए जाने के बाद से अडाणी समूह की कंपनियों को बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा।
यूरोप और पश्चिम एशिया के निवेशकों ने इसमें अच्छी रूचि दिखायी है। कुछ मौजूदा निवेशक पेशकश स्वीकार कर सकते हैं
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करण अडानी ने कहा, वित्तवर्ष 23 परिचालन के साथ-साथ वित्तीय प्रदर्शन में एपीएसईजेड के लिए एक शानदार वर्ष रहा है।
पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एटीएल का शुद्ध लाभ बढ़कर 1,280.60 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 1,235.75 करोड़ रुपये था।
राजीव जैन ने अडाणी ग्रुप की 4 कंपनियों में 15446 करोड़ रुपये का निवेश किया था। राजीव ने अडाणी के 4 शेयरों-अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी ट्रांसमिशन में निवेश किया था।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी करने और धनशोधन के आरोप लगाए जाने के बाद इन शेयरों के भाव में भारी गिरावट आने पर इन शेयर सौदों में मुनाफा कमाया गया।
Adani Group: शीर्ष अदालत ने इस साल 2 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। आइए कल शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयर में दर्ज उछाल को समझते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को राहत मिलने के बाद ग्रुप कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल रहा है। शेयर बाजार में लिस्टेड 10 कंपनियों में से सिर्फ 1 में गिरावट बल्कि 9 में तेजी देखने को मिल रही है।
APSEZ Growth: भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बंदरगाह ऑपरेटर, अडानी पोर्ट्स भारत के बंदरगाह और रसद बुनियादी ढांचे के विकास में अग्रणी रहा है। यह उपलब्धि जिम्मेदार व्यवसाय प्रथाओं और सतत विकास का एक उदाहरण है।
सेबी ने न्यायालय में ताजा हलफनामा दायर किया है। इसमें अडाणी समूह के शेयर की कीमत में हेरफेर करने के आरोपों की जांच पूरी करने को लेकर छह महीने का समय देने के लिये अपना पक्ष रखा है।
Adani Group Hindenburg: आज अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट बड़ी सुनवाई करने जा रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसका असर कंपनी के शेयर पर देखने को मिल सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अडाणी समूह अपनी दो कंपनियों के शेयर बेचकर लगभग 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है।
आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अडानी समूह पर शेयरों की कीमत में हेरफेर के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था।
Adani Enterprises Share Market: अडानी ग्रुप ने शेयर बाजार को एक बेहद जरूरी सूचना दी है। ग्रुप की दो कंपनियों ने बाजार को दी जानकारी में हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटाने की बात कही है। ऐसा क्यों कहा गया है, आइए पूरा मामला जानते हैं।
Hindenburg Adani Group: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अडानी समूह और मॉरीशस की दो फर्मों ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मान लिमिटेड के बीच संबंधों का आकलन कर रहा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध किया है कि उसे अडाणी समूह के शेयरों को लेकर जारी जांच पूरी करने के लिए छह महीने का वक्त दिया जाए।
एक साल पहले की अवधि की तुलना में 507 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। कंपनी के इन नतीजों का असर आज शेयर बाजार में भी दिखाई पड़ सकता है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में समूह के खातों में धोखाधड़ी और शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद समूह की कंपनियों के शेयर तेजी से गिरे।
दरअसल विवाद का केंद्र चांग का पासपोर्ट था। पासपोर्ट के कारण उन्हें चीनी नागरिक कहा जा रहा था और इस तरह अडाणी समूह को चीन से जोड़ा गया।
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