भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन के मामलों की जांच के लिए एक डेढ़ महीने में न्यायिक या निर्णय अधिकारी की नियुक्ति करेगा।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कहा है कि आधार अधिनियम के तहत आधार की बायोमेट्रिक जानकारी (डेटा) का इस्तेमाल आपराधिक जांच में नहीं किया जा सकता है। प्राधिकरण का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) ने अपराध पकड़ने के लिए पुलिस को आधार की सूचनाओं की सीमित उपलब्धता की बातें की थी।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भले ही कोई चाहे जितनी बार आधार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा ले लेकिन किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक आधार कार्ड जारी नहीं हो सकता।
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