एमएंडएम के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव डिवीजन) वीजय एन.ने कहा, ‘हम अक्टूबर में 54,504 वाहनों की अब तक की सर्वाधिक एसयूवी बिक्री 25 प्रतिशत की वृद्धि और 96,648 वाहनों की अब तक की सर्वाधिक कुल बिक्री यानी 20 प्रतिशत की वृद्धि से काफी खुश हैं।
कंपनियां छूट के साथ-साथ अतिरिक्त एक्सचेंज और कॉर्पोरेट बोनस भी ऑफर कर रही हैं। दिवाली के बाद इतने बड़े लेवल पर डिस्काउंट नहीं भी मिल सकते हैं। उपभोक्ता पॉपुलर एसयूवी टाटा नेक्सॉन पर 25 हजार रुपये तक नकद और 20 हजार रुपये का एक्सचेंज बोनस हासिल कर सकते हैं।
हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ आज यानी 15 अक्टूबर को खुल रहा है और ये आईपीओ 17 अक्टूबर को बंद होगा। हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ, भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
शैलेश चंद्रा ने कहा कि डिमांड में कमी और मौसमी कारकों की वजह से बिक्री में गिरावट आई है। पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट के अलावा, सितंबर में टाटा मोटर्स ने कुल 28,631 कमर्शियल व्हीकल्स बेचे। टाटा मोटर्स ने पिछले साल सितंबर में 37,214 गाड़ियां बेची थीं।
कंपनी का कहना है कि एसयूवी को नए प्रीमियम और सेगमेंट में पहली बार शामिल किए गए फीचर्स के साथ नया वाइब मिला है। पंच वित्त वर्ष 2025 में देश में सबसे ज़्यादा बिकने वाली कार है।
शुक्रवार को सेंसेक्स की 30 में से 25 कंपनियों के शेयर हरे निशान में खुले और 5 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले। इसी तरह निफ्टी 50 के भी 50 में से 43 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और बाकी के 7 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले।
नेक्सॉन सीएनजी का डिजाइन स्टैंडर्ड मॉडल की तरह ही होगा और फ्यूल से जुड़े जरूरी बदलाव ही होंगे। इस गाड़ी को अलग पहचान देने के लिए कार पर आईसीएनजी की बैजिंग होगी। नेक्सॉन सीएनजी 1.2-लीटर टर्बोचार्ज्ड 3-सिलेंडर इंजन के साथ पेश की जाएगी।
भारतीय शेयर बाजार के लिए हफ्ते का आखिरी दिन अच्छा नहीं गुजर रहा। लगातार 5 दिनों से जारी तेजी, आज बड़ी गिरावट के साथ थम गई। प्रमुख इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 बड़ी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
टाटा ग्रुप की ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने आज पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए। कंपनी ने बताया कि इस दौरान जेएलआर और कमर्शियल व्हीकल्स के बिज़नेस में बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट में कंपनी के रेवेन्यू और मुनाफे दोनों में गिरावट आई है।
नई पंच में इंजन को ठंडा करने के लिए एयर डैम के साथ कनेक्टेड LED DRL, ट्वीक्ड फ्रंट ग्रिल और फ्रंट बंपर के साथ ऑल-LED लाइटिंग मिलने की उम्मीद है। इसमें नए डिज़ाइन के 16-इंच के अलॉय व्हील मिलने की उम्मीद है।
दोनों कंपनियों के बीच हुए समझौते के बाद कस्टमर्स के लिए गाड़ी पर फाइनेंस की सुविधा आसान हो जाएगी। ग्राहकों को बजाज फाइनेंस की व्यापक पहुंच, प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों, ‘फ्लेक्सी’ ऋण और डिजिटल रूप से सक्षम ऋण वितरण से लाभ होगा।
जिंस कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर कंपनी ने कीमतों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इससे पहले भी टाटा मोटर्स ने कस्टमर्स को इसी साल अप्रैल में झटका दिया था। यानी अब नई गाड़ी खरीदने के लिए आपको ज्यादा पैसे देने होंगे।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर कंपनियों का मानना है कि भारत आने वाले समय में इस इंडस्ट्री का हब बनेगा। यहां काफी संभावनाएं हैं। टाटा मोटर्स भारत में फिलहाल इस सेक्टर में सबसे बड़ा प्लेयर है। कंपनी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के महत्व को बताया है।
टाटा मोटर्स वाहनों की बिक्री के अलावा, वाहन पार्क से जुड़े कारोबार जैसे कि स्पेयर पार्ट्स, डिजिटल और स्मार्ट मोबिलिटी समाधान पर फोकस करेगी।
शुक्रवार को बीएसई पर टाटा मोटर्स का शेयर 0.76 फीसदी या 7.20 रुपये की बढ़त के साथ 952.95 रुपये पर बंद हुआ था। वहीं, बजाज फाइनेंस का शेयर 0.10 फीसदी या 6.90 रुपये की बढ़त के साथ 6735.05 रुपये पर बंद हुआ था।
टाटा मोटर्स ने महज तीन महीने में शानदार कारोबार किया है। कंपनी के निदेशक मंडल ने शेयरधारकों के अनुमोदन पर विशेष लाभांश देने की सिफारिश की है। कंपनी का 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में एकीकृत शुद्ध लाभ 31,806.75 करोड़ रुपये रहा
Tata Motors Demerger: टाटा मोटर्स ने अपने पैसेंजर और ट्रक बिजनेस को अलग-अलग करने का फैसला किया है। कंपनी की ओर से इसकी जानकारी एक्सचेंज पर भी दे दी गई है।
टाटा मोटर्स ने डार्क एडिशन बेहद एडवांस फीचर, शानदार इंटीरियर और एक्सटीरियर लुक के साथ पेश किया है। कंपनी का कहना है कि कस्टमर्स को इन एडिशन के साथ बेहद अलग एक्सपीरियंस होगा।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘‘जहां तक ईवी का सवाल है, मुझे लगता है कि यहां सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग ढांचे की कमी है। जिस तेजी से ईवी की स्वीकार्यता बढ़ रही है, चार्जिंग ढांचा उतनी तेजी से नहीं बढ़ पा रहा है।’’
टाटा मोटर्स को भूमि विवाद के चलते अक्टूबर, 2008 में अपने संयंत्र को पश्चिम बंगाल के सिंगूर से हटाकर गुजरात के साणंद ले जाना पड़ा था।तब बंगाल में टाटा मोटर्स के प्लांट को बहुत विरोध किया गया था।
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