आरबीआई ने पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के तहत पिछली 11 नीति समीक्षाओं के लिए दरों को बरकरार रखा है और अब सभी की निगाहें फरवरी में उनके उत्तराधिकारी संजय मल्होत्रा के तहत पहली दर समीक्षा पर टिकी हैं।
आरबीआई ने हाल ही में ईएमआई आधारित पर्सनल लोन पर फ्लोटिंग ब्याज दरों को रीस्ट्रक्चर करने के सर्कुलर के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) का एक सेट जारी किया है।
RBI द्वारा रेपो दर में कटौती या वृद्धि के बाद उधारकर्ता के पास ब्याज लागत बचाने के लिए फिक्स्ड से फ्लोटिंग या इसके विपरित ब्याज दर व्यवस्था में स्विच करने का विकल्प होता है।
सीआईआई के अध्यक्ष ने कहा कि सार्वजनिक व्यय बढ़ रहा है और खपत में भी तेजी आनी चाहिए, उन्होंने बताया कि सीआईआई को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है।
युवक को जैसे ही फ्रॉड का पता चला, उसने सबसे पहले एसबीआई कस्टमर केयर में कॉल कर इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही, युवक ने अपने नजदीकी पुलिस थाने और साइबर क्राइम सेल में भी इसकी शिकायत दर्ज कराई। युवक को एसबीआई में शिकायत करने का कोई फायदा नहीं मिला, बल्कि बैंक के कर्मचारी पीड़ित को ही लापरवाह बताने लगे।
2000 रुपये के नोट जमा करने और/या बदलने की सुविधा 7 अक्टूबर, 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। हालांकि, यह सुविधा अभी भी रिजर्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में उपलब्ध है।
आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का दिसंबर 2024 का अंक जारी किया है, जो भारतीय वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में कर्मचारी तेजी से नौकरी छोड़ या बदल रहे हैं। आरबीआई का कहना है कि इस प्रवृति से बैंकों का कामकाज प्रभावित होगा। इस पर काम करने की जरूरत है।
आरबीआई ने कहा है कि एक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स जारीकर्ता अपने ग्राहक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स को अपने यूपीआई हैंडल से जोड़कर सिर्फ अपने फुल केवाईसी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट होल्डर को यूपीआई पेमेंट करने में सक्षम होगा।
वित्त वर्ष 2023-24 में, निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए धोखाधड़ी के मामलों की संख्या कुल का 67. 1 प्रतिशत थी। हालांकि, शामिल राशि के मामले में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में 2023-24 में सभी बैंक समूहों के लिए कार्ड और इंटरनेट धोखाधड़ी का हिस्सा सबसे अधिक था।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि एनसीडीआरसी की यह टिप्पणी ‘अवैध’ है और भारतीय रिजर्व बैंक की शक्तियों के स्पष्ट, सुस्पष्ट प्रत्यायोजन में हस्तक्षेप है।
कई राज्यों ने अपने 2024-25 के बजट में रियायतों की घोषणा की है। हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र और झारखंड समेत कई राज्यों ने कृषि और घरेलू क्षेत्र के लिए मुफ्त बिजली, मुफ्त परिवहन, बेरोजगार युवाओं को भत्ते और महिलाओं को मौद्रिक सहायता सहित कई रियायतों की घोषणा की है।
2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए उच्च आवृत्ति संकेतक (एचएफआई) संकेत देते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में देखी गई मंदी से उबर रही है, जो मजबूत त्योहारी गतिविधि और ग्रामीण मांग में निरंतर वृद्धि से प्रेरित है।
अपनी आखिरी नीति घोषणा में दास ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.4% की आर्थिक वृद्धि दर और अक्टूबर में महंगाई के छह प्रतिशत से ऊपर जाने का हवाला देते हुए कहा था कि वृद्धि-महंगाई की गतिशीलता अस्थिर हो गई है।
रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2023 तक अपनी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया था और इंडसइंड बैंक को एक नोटिस जारी किया था। नोटिस पर मणप्पुरम फाइनेंस के जवाब पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने यह पेनाल्टी लगाई।
प्रस्ताव किया गया है कि कोई भी ऋणदाता जो इस कानून का उल्लंघन करते हुए डिजिटल या अन्यथा ऋण प्रदान करता है, उसे कम से कम दो साल की कैद की सज़ा दी जाएगी, जो सात साल तक बढ़ सकती है, साथ ही 2 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए आरबीआई के लिए अगले 13-14 महीनों तक ब्याज दरों में कटौती करना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 में औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई।
एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए दरों में कटौती करता है, तो भी इसकी प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की गिरावट ग्रोथ प्रक्रिया में मदद करने के लिए निर्णायक कदम नहीं होगा। उनका कहना है कि जब आप दरों में कटौती करने के लिए कदम उठाते हैं, तो यह निर्णायक होना चाहिए।
राजस्थान के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास पावर, फाइनेंस और टैक्सेशन जैसे बड़े सेक्टरों में पब्लिक पॉलिसी में तीन दशक से भी ज्यादा एक्सपीरियंस है। हालांकि, संजय मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई के गवर्नर का पद संभाल रहे हैं, जब देश महंगाई के साथ-साथ सुस्त अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है।
घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ने कहा कि वह फरवरी में दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं करती है। इसने उल्लेख किया कि मल्होत्रा को नियुक्त करने का फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया, और यह दर्शाता है कि सरकार आरबीआई के शीर्ष पर किसी टेक्नोक्रेट के बजाय किसी नौकरशाह को रखने में सहज है।
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