अगर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में नहीं भी है तब भी वित्तीय योजना बनाने पर विचार करें। आपकी आय से टीडीएस काटा जा सकता है, जिसे आपको लिमिट के भीतर आय होने के कारण भुगतान नहीं करना चाहिए।
आपके पैन कार्ड के इनएक्टिव होने के कई कारण हो सकते हैं। एक मुख्य कारण पैन-आधार लिंक का न होना है। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड हैं, तो आयकर विभाग पैन कार्ड को इनएक्टिव कर देगा।
एफडी के नियमों के अनुसार एक वित्त वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज प्राप्त करने पर 10 प्रतिशत के टीडीएस का भुगतान करना होगा। वहीं दूसरी ओर, अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं तो आप ये टीडीएस बचा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 182 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह लगभग चार गुना होकर 10.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
कंपनी ने कहा कि ट्रूकॉलर फिलहाल अपने कार्यालयों में अधिकारियों की पूरी तरह से सहायता कर रही है। यह बिना किसी पूर्व सूचना के हुआ और ट्रू-कॉलर वर्तमान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आधिकारिक पुष्टि और संचार की प्रतीक्षा कर रही है।
टैक्स अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर बताया, “जीएसटी के तहत फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरे राष्ट्रव्यापी अभियान में हमने वैरिफिकेशन के लिए लगभग 73,000 जीएसटीआईएन की पहचान की थी।''
नए नियमों के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी भी नॉन-फाइनेंशियल ऐसेट को खरीदने के दो साल से ज्यादा समय बाद बेचता है तो उस पर इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है।
पैन कार्ड टैक्सपेयर्स के लिए अहम है क्योंकि यह सभी वित्तीय लेनदेन के लिए जरूरी है और इसका उपयोग आपके पैसे के आने-जाने को ट्रैक करने के लिए किया जाता है।
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 11.25 लाख करोड़ रुपये के इस कलेक्शन में 5.98 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन शामिल है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, साल 2019 तक, ट्रस्ट को कुल 400 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला, लेकिन धार्मिक मकसदों के लिए सिर्फ 2.30 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
मान लीजिए आपने किसी व्यक्ति के साथ अपना पैन नंबर शेयर किया और उसने आपके पैन नंबर का गलत इस्तेमाल कर आपके नाम से लोन ले लिया तो ऐसी स्थिति में वो लोन आपको चुकाना पड़ेगा।
लोग अपना सुझाव लेने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक वेबपेज शुरू किया गया है। लोग अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर और ओटीपी के माध्यम से इसपर जा सकते हैं।
एक अक्टूबर से शेयरों का बायबैक शेयरधारक स्तर पर टैक्स के अधीन होगा। इससे निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। बता दें कि केंद्रीय बजट 2024 में प्रस्तावित टीडीएस दरों को वित्त विधेयक में मंजूरी दी गई थी।
वित्त वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च तक) के दौरान किसी व्यक्ति के बचत खातों में 10 लाख रुपये से अधिक की नकद जमा राशि की सूचना आयकर विभाग को दी जाती है।
फॉर्म-1 और फॉर्म-3 को घोषणाकर्ता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। ये फॉर्म आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह योजना मुकदमेबाजी को कम करने की दिशा में एक कदम है।
वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि केंद्र सरकार 1 अक्टूबर, 2024 को प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024 लागू होने की तिथि निर्धारित करती है। विभिन्न कानूनी मंचों पर लगभग 2. 7 करोड़ प्रत्यक्ष कर मांगों पर विवाद चल रहा है।
अपील केवल इसलिए दायर नहीं की जानी चाहिए कि किसी मामले में कर प्रभाव निर्धारित मौद्रिक सीमा से अधिक है, बल्कि इसके बजाय मामले की योग्यता के आधार पर निर्णय लिया जाना चाहिए।
रिफंड आने में देरी हो रही है तो सबसे पहले आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्थिति की जांच करनी चाहिए। इससे आपको प्रोसेसिंग के मौजूदा चरण और किसी भी मुद्दे के बारे में जानकारी मिलेगी जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है।
भारत में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के 165 साल पूरे होने पर आयोजित एक खास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इनकम टैक्स जांच के प्रमुख निदेशक एस. के. झा और अतिरिक्त निदेशक गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली इनकम टैक्स टीम को 'सीबीडीटी उत्कृष्टता प्रमाणपत्र' से सम्मानित किया।
आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का मकसद मुकदमेबाजी को कम करना और करदाताओं को टैक्स निश्चितता प्रदान करना है। आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की नई व्यवस्था को व्यापक स्वीकृति मिल रही है।
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