सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब एंड सिंध बैंक ने अपने डिजिटल मंच के माध्यम से ऋण को बढ़ावा देने की पहल के तहत इस महीने एमएसएमई क्षेत्र के लिए 25 लाख रुपये तक की इंस्टैंट लोन स्कीम शुरू करने की योजना बनाई है।
दिसंबर 2024 के दौरान, घरेलू लेनदेन से जीएसटी 8.4 प्रतिशत बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात पर टैक्स से राजस्व लगभग 4 प्रतिशत बढ़कर 44,268 करोड़ रुपये हो गया।
पुरानी कारों पर GST की दर में वृद्धि चर्चा का विषय बनी हुई है। अगर आप भी इससे जुड़ी खबर को पढ़कर परेशान है तो हम आपकी टेंशन को खत्म करते हैं। हम इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर जीएसटी लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण दिया गया, क्योंकि उसे उत्तर प्रदेश से नमक और मसालों के साथ मिक्स्ड पॉपकॉर्न पर लागू वर्गीकरण और जीएसटी दर को स्पष्ट करने का अनुरोध हासिल हुआ था।
अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को पुरानी कार बेचता है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। जानकार का कहना है कि जहां रजिस्टर्ड यूनिट ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 32 के तहत मूल्यह्रास का दावा किया है, ऐसी स्थिति में जीएसटी सिर्फ सप्लायर के मार्जिन वाले मूल्य पर देना होगा।
जीएसटी परिषद ने शनिवार को कहा कि पहले से पैक और लेबल वाले खाने के लिए तैयार स्नैक्स पर 12 प्रतिशत कर लगेगा। जीएसटी परिषद ने कहा कि अगर स्नैक्स कारमेलाइज्ड है, तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।
जीएसटी परिषद ने कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैक और ट्रेस तंत्र सहित प्रमुख सुधारों को मंजूरी दे दी, जबकि बीमा प्रीमियम कर कटौती पर फैसले को टाल दिया और आपदा उपकर प्रस्ताव की जांच के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया।
आवास की मांग, सप्लाई और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर से बचाने के लिए, क्रेडाई ने सरकार से FSI शुल्क को जीएसटी से बाहर रखने और मौजूदा नियम बनाए रखने की अपील की है, ताकि आवासीय योजनाओं पर इसका नकारात्मक असर न पड़े।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्यों के उनके समकक्षों की मौजूदगी वाली परिषद ने यह फैसला किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, कुछ सदस्यों ने कहा कि और चर्चा की जरूरत है। हम (जीओएम) जनवरी में फिर मिलेंगे।
वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा पांच लाख रुपये तक के कवरेज वाले स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
GST काउंसिल की कल जैसलमेर में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम ऐलान हो सकते हैं। इनमें इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट समेत कई सामानों पर जीएसटी के रेट में बदलाव शामिल हैं।
29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 की अवधि के लिए महाराष्ट्र के ठाणे आयुक्तालय के सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के संयुक्त आयुक्त द्वारा पारित, जिसमें लागू ब्याज और 401,70,14,706 रुपये के जुर्माने के साथ 401,70,14,706 रुपये के जीएसटी की मांग की पुष्टि की गई है।
मंत्री समूह की रिपोर्ट पर 21 दिसंबर को जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा किए जाने की उम्मीद है। परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी और इसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे।
अब तक का सबसे अधिक संग्रह अप्रैल, 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। अगस्त में जीएसटी कलेक्शन मासिक आधार पर 3.8% घटकर 1.75 लाख करोड़ रुपये था।
सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने कहा कि जीएसटी पर इन दो सुधारों से ईवी को उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में बहुत मदद मिलेगी। मोटवानी ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम का स्वागत करते हुए कहा कि बढ़ती मांग के साथ प्रोत्साहन राशि की समीक्षा करने की जरूरत है।
दरों को तर्कसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह ने 20 लीटर और उससे अधिक के पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। अगर मंत्रिसमूह की सिफारिश को जीएसटी परिषद स्वीकार कर लेती है, तो 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
टैक्स अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर बताया, “जीएसटी के तहत फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरे राष्ट्रव्यापी अभियान में हमने वैरिफिकेशन के लिए लगभग 73,000 जीएसटीआईएन की पहचान की थी।''
अक्टूबर 2024 में सकल जीएसटी राजस्व 8.9 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। एक साल पहले की समान अवधि यानी अक्टूबर 2023 में जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये था।
गुरुवार सुबह 11.12 बजे तक एसआईसी के शेयर 5.05 रुपये (0.54%) की गिरावट के साथ 929.90 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे। बुधवार को 934.95 रुपये के भाव पर बंद हुए इंश्योरेंस कंपनी के शेयर आज गिरावट के साथ 931.55 रुपये के भाव पर खुले।
जीएसटीएन ने अनुपालन को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत तीन साल की समयसीमा के बाद जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर रोक है।
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