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पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी निवेश स्कीम है। इस स्कीम पर फिलहाल 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में मिनिमम 500 रुपये और मैक्सिमम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं। ये स्कीम 15 साल में मैच्यॉर होती है, लेकिन इसे 5-5 साल बढ़ाकर अधिकतम 50 साल तक चलाया जा सकता है।
नए साल में बचत करने की आदत डालें। साथ ही निवेश की एक शानदार स्ट्रैटेजी पर काम करें जो आपको आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मददगार साबित हो। सिर्फ पैसे निवेश करने और रिटर्न पाने की उम्मीद से आगे की सोचना भी जरूरी है।
कंपनी ने एंकर निवेशकों से 78 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक जुटाए हैं। 204-215 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड वाला यह इश्यू 2 जनवरी को खत्म होगा।
मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्र प्रमुखता प्राप्त कर रहे हैं, एक्सपोर्ट बास्केट में मशीनरी की हिस्सेदारी 2014 में 3.8 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 6.9 प्रतिशत हो जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक्स 2014 में 3.3 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 7.9 प्रतिशत हो जाएगी।
पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 15,030 रुपये या 23.5 प्रतिशत की तेजी आई है और यह 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। स्थानीय बाजार सूत्रों का कहना है कि स्टॉकिस्टों और खुदरा विक्रेताओं की कमजोर उठान के कारण सोने के भाव में गिरावट आई।
वित्त मंत्रालय की एक नोटिफिकेशन में कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर 8. 2 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर दर चालू तिमाही में प्रचलित 7. 1 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
स्क्वायर यार्ड्स का कहना है कि भारतीय आवासीय अचल संपत्ति बाजार ने महामारी के बाद एक आशाजनक उछाल में प्रवेश किया है, जो कि दबी हुई मांग और गृहस्वामी के लिए मजबूत भावना से प्रेरित है।
जो लोग फीचर फोन (कीपैड फोन) से यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। फीचर फोन से किए जाने वाले पेमेंट की लिमिट को बढ़ाकर दोगुना किया जा रहा है। फीचर फोन यूजर 1 जनवरी से 10,000 रुपये का भुगतान कर सकेंगे। अभी ये लिमिट सिर्फ 5000 रुपये है।
व्यक्तिगत करदाताओं के पास वित्तीय वर्ष 2023-2024 (एवाई 2024-25) के लिए अपना आईटीआर फाइल करने के लिए 31 जुलाई तक का समय था, लेकिन वे शुल्क देकर 31 दिसंबर से पहले ऐसा कर सकते थे।
भारतीय शेयर बाजार प्रत्येक शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं। साल 2025 में कुल 52 शनिवार और 52 रविवार पड़ रहे हैं। यानी अगले साल शेयर बाजार 52 शनिवार, 52 रविवार और 14 त्योहार के मौके पर कुल 118 दिन बंद रहेंगे।
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